जागरण

 " हम " प्रेम करते रहे !

" वो " फिर भी घात करते 

रहे...." सदीयों से !!! "

यह सिलसिला जारी है !!

जागरण अभियान ?

तेज करो !!

राष्ट्रीय भी ! अंतरराष्ट्रीय भी !!


विनोदकुमार महाजन

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