सुखी रहो

 स्वर्गीय प्रेम मत करना !!


स्वर्गीय पवित्र ईश्वरी प्रेम

करनेपर भी , जिन्होने

नरकयातनाओं के सिवाय ,

कुछ दिया ही नहीं , आजीवन आँसुओं के सिवाय कुछ दिया ही नहीं , दुखदर्द में भी तडपाया , उनसे प्रेम करने से , उनके घर जानेसे , उनसे संबंध रखने से क्या फायदा ? इससे बेहतर यही होगा की , आजीवन उनसे दूरी बनाये रखकर , निरंतर ईश्वर से

नाता जोड देना !


किसी से झगडा करने से बेहतर यही होगा की , हमेशा दूर चले जाना ! किसीसे भी संबंध नहीं रखना ! 

संपूर्ण संबंध विच्छेद !


हम भी सुखी , वो भी सुखी !


विनावजह का झगडा खतम होने से , कम से कम मन को शांति तो मिलेगी ?

और झगड़े में ही व्यर्थ जीवन गवाँने के बजाए , वही मौलिक समय , ईश्वरी कार्य के लिए ही काम आयेगा ?


जय श्रीकृष्ण !!!


विनोदकुमार महाजन

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