उत्तर

 *सभी समस्याओं का एक* *ही उत्तर : - समय* *की प्रतिक्षा !!*

✍️ २७४०


 *विनोदकुमार महाजन* 


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समस्या...

हुश्श...

परेशानीयों का सामना !


हमारे जीवन में कभी कभी एकसाथ अनेक समस्याएं मंडराने लगती है ! और हम हतबल , विवश होकर , सभी समस्याओं को हल करने का जी जान से प्रयास करते है !

और अनेक बार परेशानियों के कारण हक्केबक्के से रहते है !

समस्याओं का कोई उत्तर नहीं मिलता है तो और परेशानी !


मानो चारों ओर परेशानियों का पहाड टूट पडा हो !


ऐसे समय में मन भी विचलित और अस्थिर रहता है !


ऐसे समय में शांत और स्थिर होकर , यथोचित तथा अनुकूल समय आने का इंतजार करने से ही मन का बोझ हल्का होता है !


और सभी समस्याओं का लगभग यही एकमात्र तथा अंतिम उत्तर होता है !


 *समय का इंतजार !*


समस्या चाहे कितनी भी भयंकर हो , मौन और शांती से , शांत मन से , उसपर विजय प्राप्त की जा सकती है !


भागदौड , आर्थिक परेशानीयां , बिमारीयां , घरेलू वादविवाद , अकेलेपन जैसी अनेक समस्याएं एक साथ आती है तो क्या करना होगा ?


मस्त होकर , शांत मन से , एकांत में जाकर अथवा निर्जन स्थान पर जाकर मस्त भजन गाना चाहिए !

या फिर मस्त होकर हमारे पसंत के लोकप्रिय फिल्मी गाने गुनगुनाने चाहिए !


राजेश खन्ना का वो किशोर कुमार ने गाया हुवा एक गाना है ना...


" जीन्दगी है एक सफर है सुहाना...

कहां कल क्या हो किसने जाना... "


इससे मन थोडा हलका पडेगा !

मन का बोझ हलका होगा !


और मुसिबतों से छूटने का या फिर अनुकूल समय का इंतजार करने का हौसला बढेगा !


ऐसे समय में विचलित न होकर , बिल्कुल ही ठंडे दिमाग से , समस्याओं का हल ढुंडीये !

समस्या कौनसी है , कितनी गंभीर है इसपर मन ही मन विचार किजिए और उसपर रामबाण इलाज क्या है ,

यह तय किजिए !


ठंडा दिमाग अनेक समस्याओं पर यथोचित मार्ग दिखा सकता है !

इससे मनोबल भी बढेगा और साथ में समय का इंतजार करने की क्षमता भी बढेगी !


ठंडे दिमाग से लिए हुए निर्णय अंतिम मकसद तक पहुंचाते है और अनुकूल समय का इंतजार , मन को तसल्ली देता है !


इसिलिए हर समय में 

शांत रहना , मौन रहना अनेक समस्याओं का यथोचित उत्तर हो सकता है !


साथ में ईश्वरी चिंतन , गुरूमंत्र जाप करते रहेंगे तो मुसिबतों पर विजय प्राप्त करने की गती भी बढेगी !


" ये भी दिन जायेंगे ,

तेरे भी दिन आयेंगे ,

हमारे जीवन में भी खुशियों की बहार आयेगी..."

ऐसा मन से मन को किया हुवा संवाद भी परेशानियों का बोझ हलका करता है !


गजानन महाराज जी का एक लोकप्रिय भजन है 

" चंदन चावल बेल की पतीया , शिवजी का ध्यान धरो रे , हे प्रभो मेरा काम करो रे..."

ऐसे भजन भी मन को शांती देंगे और ईश्वरी सहायता भी मिलेगी !


" क्यों चींता करता है प्यारे ? मुसिबतों का यह दौर भी गुजरेगा ! "


 *हरी ॐ* 


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