अगर ?
*अगर....??*
✍️ २४८४
*विनोदकुमार महाजन*
----------------------------------
अगर....
केवल एक ही मत के आधार पर
कोई....
सर्वोच्च सत्तास्थान हडपता है ❓ तो ? इसे लोकतंत्र कैसे कहेंगे ⁉
इतना ही नहीं तो....
बहुसंख्यक समाज को नेस्तनाबूद करने के लिए एक भयंकर षड्यंत्र करके ...
ठीक ऐसे ही अत्याचारी कानून बनाता है तो ??
क्या यह सचमुच में लोकतंत्र ही है ?
और ? अनेक सालों तक ऐसे कानून पिढी दरपिढी चलाये जाते है तो...?
क्या यह लोकतंत्र की हत्या ही नहीं है ?
अगर हाँ तो ...? ऐसे अत्याचारी कानून बहुसंख्यक समाज क्यों स्विकारेगा ? और कितने दिनों तक स्विकारेगा ?
ऐसी भयंकर समस्या का जालिम इलाज अथवा अंतिम हल भी कोई होगा या नहीं ?
ऐसे अत्याचारी कानून तो एक ही सेकंद में समंदर में फेंक देने चाहिए !
और...?
बहुसंख्यक समाज के साथ संपूर्ण समाज के हितों के कानून तुरंत अमल में लाने ही चाहिए !
मगर ऐसा करेगा कौन ?
या क्रांति का बिगुल ही ऐसी जटिल समस्या का उत्तर रहेगा ?
मगर इसमें भी एक भयंकर जटिल समस्या यह है की ,
निद्रिस्त , लालची और ? भयभीत समाज को नवचेतना कौन देगा ? कब देगा ?
हर बार ईश्वर के न्याय के आधार पर बैठकर और निश्क्रिय होकर ,समय बिताते रहने से...
भयंकर हानि हो सकती है !
*भूतकाल यही दर्शाता है !*
तो आज ऐसी भयावह और विनाशकारी जटिल समस्याओं का केवल और केवल एक ही इलाज है ?
मोदिजी और योगीजी के पिछे अपनी संपूर्ण शक्ति खडी कर देना ?
*जी हाँ !!*
इसके साथ ही समाज जागृती अभियान भी तेज करना होगा !
और चेतना शून्य सामाजिक रचना तथा मरी हुई सामाजिक चेतना जागृती अभियान भी तेज करना होगा !
मोदिजी और योगीजी मुझे ,
इस विषय में संपूर्ण सहयोग कर सकेंगे तो ...?
मैं अपेक्षित परीणाम और यश को खींचकर लाने की क्षमता रखता हूं !
इसी कार्य की पुर्ती के लिए , क्रांतिकारी कार्यकर्ताओं की जबरदस्त तेजस्वी फौज का निर्माण और इसके लिए अपेक्षित धन की आपूर्ति की तुरंत और सख्त जरूरत होगी !
*क्रांति का बिगुल तो*
*बज ही चुका है !*
*जरूरत है...*
अस्वस्थ समाज मन के शक्ति को
अपेक्षीत परिणामों में बदलना !
दस दिशाओं से यथायोग्य रणनीति....
*असंभव को संभव में बदल* *देगी !*
जरूरत है *तीव्र इच्छाशक्ति की* और संपूर्ण समर्पित भाव से....
*सहयोग करनेवालों की !*
क्यि समय भी उसी दिशा की ओर तेजीसे आगे बढ रहा है !?
*संपूर्ण क्रांति...*
क्या सचमुच में राष्ट्रीय क्रांति तथा वैश्विक क्रांति अटल है !!?
युगपरिवर्तन की घडी चल रही है ये !
ईश्वरी इच्छा से ही सबकुछ घटित हो रहा है तो...??
*इसे कौन रोक सकेगा ?*
परदे के पिछे से ईश्वर ही सुत्र संचलन कर रहा है तो...?
भयंकर अत्याचारी लोगों का अंत भी निश्चित है ???
*और नजदीक भी ?*
उत्तर आप सभी से अपेक्षित है !
*हर हर महादेव !!!*
👆❓⁉👍🙏🕉🚩
Comments
Post a Comment