राम और शाम

 *हमारे अंदर ही है राम और* *शाम !!* 

✍️ २४७५


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राम के मार्ग से चलकर

कार्य सफल बनाने का

प्रयास करेंगे !

सिधी उंगली से घी निकालने 

का प्रयास करेंगे !


और अगर सिधी उंगली से

घी नहीं निकलता है तो

कृष्णकन्हैया के मार्ग से

चलकर , टेढी उंगली करके

घी निकालेंगे !


मगर घी निकालकर ही रहेंगे !

कार्य सफल बनाकर ही रहेंगे !


हमारे अंदर ही है मेरा 

सिदासादा राम !!

हमारे अंदर ही है मेरा कृष्णकारस्थानी शाम !! 


जय सियाराम !!

जय राधेश्याम !!


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 *विनोदकुमार महाजन*

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