भयभीत समाज

 *निद्रिस्त भारत ? भयभीत भारत* ??

✍️ २४७३


 *विनोदकुमार महाजन*

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मुगलों के अत्याचार , अंग्रेजों के अत्याचार और ?

आजादी के बाद ?

गलत तरीकों से सर्वोच्च 

सत्तास्थान हथीयाने वालों के षड्यंत्रकारी भयंकर अत्याचारों के कारण ?


 *बहुसंख्यक हिंदू समाज* 

भयभीत था ? है ?

भारत ही भयभीत था ?


तो भारत का भविष्य क्या रहेगा ?

इसी विषय पर आज का लेख !


 *सोचो...* 

अगर मोदिजी आज सर्वोच्च सत्तास्थान पर विराजमान ना होते और ?

विघटनकारी उन्मादी शक्ति सत्तास्थान पर आज विराजित होती तो ?

क्या होता ?


 *भयभीत भविष्य ?* 

या *फिर ? भयावह भविष्य ?*

और उसीके अनुसार निद्रीस्त समाज ? और निरर्थक सेक्युलर शब्द ?


देवीदेवताओं का खुलेआम मजाक उडाया जा रहा है ?

और समाज मन निद्रीस्त और मृतप्राय ?

क्या ऐसे गलितगात्र समाज में रहना मतलब ?

दिनरात आत्मक्लेश ही भोगना ?


स्वाभिमान , ईश्वरी तेज , चैतन्यशून्यता , आत्मविश्वास सब लुप्त ?

और आपसी कलह , द्वेष ,मत्सर और विनावजह का बैरभाव समाज को किस दिशा में ले जा रहा है ?


आजादी के पहले भी हिंदुओं पर मुगल और अंग्रेजों द्वारा भयंकर अत्याचार किए गये !

भयानक क्रौर्य ?

और आजादी के बाद भी ?

भयावह षड्यंत्रों द्वारा हिंदु समाज मन को डराने का और हिंदुत्व का नामोनिशान मिटाने का जी तोड प्रयास किया गया ?

वह भी *सत्तास्थान*

पर रहकर ?

हिंदू समाज को भयभीत करने के अनेक हथकंडों को गुप्त तरीकों से अपनाया गया ?


 *कौन जिम्मेदार ??* 

षड्यंत्रकारी ? अत्याचारी ?

या भयभित समाज ?


और भयभित समाज धर्म के प्रति धिरेधिरे उदासीन होने लगा ! और निद्रीस्त भी होने लगा !

चाहे कितने भी अन्याय , अत्याचार करो ?

समाज निद्रिस्त ,संवेदनशून्य बनता गया !


धर्म पर , देवीदेवताओं पर ,महापुरुषों पर ,साधुसंतों पर कितने भी अन्याय होने दो ?

समाज मौन रहा !


क्या हिंदू समाज का स्वाभिमान ही मारा गया ? समाज मन नंपुसक बनाया गया ?

शौर्य , ईश्वरी तेज , अन्याय के प्रती धधगते अंगारे ही समाज से गायब होने लगे ?


संस्कृति समाप्त होने लगी ?

सुसंस्कृत पन समाप्त होने लगा ? संस्कारों का धन गायब होने लगा ?

आपसी प्रेम ,भाईचारा समाप्त होकर आपसी कलह बढता गया ?

रिश्तेनाते में , समाज में , जातीपाती में दरारें बढती गई ?


समाज तोडो ,भयभीत करो

और अपना गुप्त उद्दीष्ट साध्य करो...ऐसा षड्यंत्र रचाया गया ?

आजादी के बाद भी ?


 *कौन जिम्मेदार ?* 

कौन है असली खलनायक ?

पर्दे के पिछे का ना ( ला ) यक

सत्ताधारी ?


और निद्रिस्त और भयभीत समाज को आधार देनेवाला एक तेजस्वी सुर्य का आसमान में उदय हुवा !


 *मोदिजी नाम के युगपुरुष का !* 

और धिरेधिरे निद्रिस्त समाज जागने लगा !

भयभीत समाज निडर होने लगा !

एक होने लगा !


समाज का मरा हुवा स्वाभिमान ,तेज , चैतन्य , फिरसे जागने लगा ! जाग गया !


नया युग आरंभ हुआ !

असंभव लगनेवाले कार्य संभव होने लगे !


इसीलिए अब हम सभी भारतीयों का ,भारतीय समाज का यह दाईत्व है की , मोदिजी की शक्ति बढाना !

अगले चुनाव में मोदिजी को मतदान करना !

भाजपा को मतदान करना !

कमल का फूल चुनना !


जमाना बदल रहा है !

युग बदल रहा है !


मोदिराज जींदाबाद !

मोदीयुग जींदाबाद !


 *हर हर मोदी !!* 

 *घर घर मोदी !!* 


🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷

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