संभल

 *" संभल " जावो !!* ?


अखंड भारत का सपना तुरंत पूरा कैसे होगा ?


शांति से ? क्रांति से ?

घनघोर यूध्द से ? 

दैवी शक्तियों से ?

ईश्वरी चमत्कार से ?

यूगपुरूष से ?


कार्य तो असंभव लगता है !

मगर असाध्य भी साध्य करने की संपूर्ण क्षमता रखनेवाले , निरंतर देवीदेवताओं का

वरदान प्राप्त रहनेवाले , वैदिक सनातन हिंदू धर्म में असंभव कुछ भी नही है !


यह तो चमत्कारों की भूमी है ! 


चलो.....!!!

असंभव को संभव बनाते है ! 


अब.....

 *संभल* का इंतजार नही करते है !


चौतरफा वैचारिक मंथन बंद करके , कृति की ओर बढते है !


कैसे ?


जय श्रीकृष्ण !


हर हर महादेव !


 *विनोदकुमार महाजन*

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