सोशल मीडिया को हल्का मत समझो

 *सोशल मीडिया का चींटी का* *कार्य ?*

लेखांक : - ✍️ २६६६


 *विनोदकुमार महाजन*


✍️✍️✍️✍️✍️


आज सोशल मीडिया एक प्रभावशाली प्रसारमाध्यम बनकर उभर गया है !

इसे कोई हल्के में नहीं ले रहा है !

प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बराबर का स्थान आज सोशल मीडिया प्राप्त कर चुका है !


सोशल मीडिया पर अनेक व्यक्ति निरपेक्ष भाव से समाजहित , राष्ट्रहित , धर्मकार्य तथा ईश्वरी कार्य के लिए , लगातार अपने तरीकों से प्रयास कर रहे है !



सोशल मीडिया में अनेक मुकदर्शक भी होते है !

व्हाट्सएप ग्रुप , फेसबुक , इंस्टाग्राम , टेलिग्राम , शेयर चाट , लिंक्डइन , ट्विटर , यूट्यूब जैसे प्रभावी माध्यमों पर उपस्थित तो होते है , मगर कभी कुछ पोष्ट ही नहीं करते है !

ऐसे महात्मा सोशल मीडिया के हर प्रभावी तथा जागरूक व्यक्तियों के विचार तो कम से कम वो दूसरी तरफ शेअर करेंगे ऐसी हमेशा अपेक्षा रहती है !


भले ही सोशल मीडिया का वैयक्तिक कार्य एक छोटीसी चिंटी जैसा जरूर हो , मगर इसे कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए !

एक छोटीसी चिंटी भी बडा पहाड भी पार कर सकती है ! और अनेक चींटीयों का समूह भी तो बहुत आश्चर्यजनक कार्य भी संपन्न कर सकता है !


हरीवंशराय बच्चन की इसी विषय पर एक लोकप्रिय कविता भी है...


" *कोशिश करनेवालों की*  *हार नहीं होती ! "* 



इसीलिए सोशल मीडिया के सभी जागरूक लेखक , पाठक ,तथा मुकदर्शकों का भी अभिनंदन !


मैंने भी सोशल मीडिया में हजारों लेख लिखे है !

अनेक प्लैटफॉर्म पर मेरे लाखों फोलोवर्स भी है !

और मेरे लेख अनेक देशों में मिलियन लोग भी पढें है !

इसके लिए , मैंने मेरी दो वेबसाइट भी बनाई है !


1 ) globalhinduism.online


2 ) globalhinduism.in


जिसमें मेरे हजारों लेख है जो आप कभी भी पढ सकते है !


इसके अलावा मेरा एक युट्यूब चैनल भी है जिसे मैं जल्दी ही मोडिफाइड बना रहा हूं !


संस्कृति संवर्धन हेतू एक अंतरराष्ट्रीय टिवी चैनल भी आरंभ करने का मनोदय है !


सोशल मीडिया के साथ साथ मैंने आज तक सनातन धर्म का वैश्विक कार्य आगे बढाने के लिए , कुछ वैश्विक संगठन निर्माण का भी जी तोड़ प्रयास भी जारी रखा है !


अनेक किताबें लिखना , हर देश के भाषाओं में , संवर्धन हेतू अनेक सामाजिक , सांस्कृतिक , आध्यात्मिक बिग बजेट फिल्मों का निर्माण , 

सनातन हिंदू धर्म पर आधारित अनेक उपक्रम चलाना , जैसे हर देश - शहर में गुरूकुल , गौशाला का निर्माण करना , ऐसे कार्यों के लिए मैं आज भी जी तोड मेहनत कर रहा हूं !

कोई साथ दे ना दें....

कोई हमसफर बनें ना बनें....


एकला चलो रे का मेरा मार्ग अव्याहत चालू है !

और जब इंन्सान साथ दें ना दें , ईश्वर जब चौबीसों घंटे साथ में रहता है तो ? एक दिन कार्य सफल बनकर ही रहता है !


कार्य को गति देने के लिए मैंने राज्यपाल जैसे पदों तक पहुंचने का भी अनेक माध्यमों द्वारा प्रयास किया है !

देशविदेशों में रहने वाले मेरे कुछ गुरूतुल्य महात्माओं ने , मेरे कुछ मित्रों ने भी इसके लिए अनेक प्रयास लगातार किए हूए है !


ईश्वर निर्मित वैदिक सनातन हिंदू धर्म और संस्कृति को विश्व के कोने कोने में पहुंचाना ही हमारा उद्देश्य है ! जिसपर हमें विजय हासिल करनी ही है !


हतोत्साहित ना होकर , अनेक रूकावटें , अडचने बाधाएं पार करके हमें हमारी अंतिम मंजिल तक पहुंचना ही है !


 *हमारी संस्कृति हमारा* *अभिमान !!* 


 *विश्व विजेता हिंदू धर्म !!* 

 

🕉🚩🚩🚩🚩

🙏🙏🙏


 *जय श्रीकृष्ण !* 

 *हर हर महादेव !*

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