हिंदुमय विश्व

 *हर हिंदू शस्त्र ,शास्त्र और* *अस्त्र संपन्न होता* *था !!* 

✍️ २६७०


🕉🚩✅🕉🚩✅


हर घर में गौमाता थी !

हर घर में गौमाता की पूजा होती थी !

जरसी , हायब्रीड नहीं बल्की देशी गाय !

हर एक व्यक्ती गाय का महत्त्व जानता था !

हर एक व्यक्ती गाय को माता मानता था !

गाय में तेहतीस कोटी देवताओं का वास होता है , ऐसी मान्यता थी !

इसिलिए गाय हमारे लिए पूजनीय , वंदनीय थी !


मगर आज ?

दुर्देव से गाय गायब होती रही !

उसको बचानेवाला भी कोई नहीं रहा ?

( ❓⁉??? )


और यहीं से संपूर्ण धरती का ही दूर्देव आरंभ हुवा ! और तेज गति से सांस्कृतीक पतन आरंभ हुवा !


आज अनेक छोटे गांवों में भी देशी गाय का दर्शन दुर्लक्ष हो गया है !

हर जगहों पर संकरित गाय दिखाई दे रही है !


जब देशी गाय आँगन में थी , तब ? हर घर में सुख - शांती - समाधान - आनंद था !

दया , क्षमा , प्रेम था !


मगर गाय गायब होती चली और सुख - शांती - समाधान भी लुप्त होता गया !


गाय थी तब इंन्सान भी सुसंस्कृत था !

गौमाता गायब हो गई और इंन्सान , विशेषतः हिंदू ? धीरे धीरे संस्कृती से दूर

चला गया !


आदमी सैरभैर हुवा !

गौमाता की हत्या से निसर्ग संतुलन भी खराब हो गया ! उसके श्राप से , उसकी बहती खून की नदियों से , संपूर्ण विश्व में केवल अशांती ही नहीं बल्की तबाही आरंभ हो गई !


यह भयावह गौमाता का आक्रंदन कौन रोकेगा ? या फिर गौमाता को बचाने के लिए प्रत्यक्ष भगवान श्रीकृष्ण को रूप बदलकर आना पडेगा ?


कब आयेगा वो प्रभू परमात्मा ❓


गौमाताओं के साथ साथ हर गाँव में गुरूकुल होता था !

जिसके कारण हर हिंदू सामर्थ्य संपन्न , शक्ती संपन्न , ओजस्वी , तेजस्वी था ! 


शस्त्र , अस्त्र संपन्न और शास्त्र संपन्न भी था !


दूर्देव से गौमाता गई !

साथ में गुरूकुल भी गया !


और मेरा हिंदू भाई ⁉

धीरे धीरे निस्तेज , सामर्थ्य हीन , शक्ती हीन होता गया !


आदर्श सनातन संस्कृती से दूर चला गया !


झूठे अंहिसा तत्वों ने उसे फिर से नंपूसक , तेजोहीन बनाया !

जानबुझकर उसे भगवत् गीता के श्रेष्ठ आचरण से दूर धकेल दिया !


षठ् प्रती षाठ्यम् के सिध्दांतों से ही हिंदुओं को दूर किया गया !


परीणाम ❓⁉

भयावह हो गया !

सुसंस्कृत हिंदू असंस्कृत होता गया ! संस्कृती , दया , प्रेम , वात्सल्य से दूर चला गया !


और " कुछ हिंदू " भी धर्म भ्रष्ट होकर ⁉

गौमांस भी खाने लगे ❓


कितना भयंकर अध:पतन हो गया ???

हाय तौबा !?


अब संपूर्ण धरती पर भयावह और विनाशकारी अधर्म का भयंकर अंधेरा छा गया है !


सांस्कृतिक अध:पतन भयावह है !


अब

हर इंन्सान को फिरसे संस्कृती को जोडने के लिए अब पर्याप्त पर्याय भी उपलब्ध नही है !


इसके लिए हर देश में , हर शहरों में गुरूकुल और गौशाला आरंभ करना जरूरी है !


सबसे पहले आसुरीक शक्तियों से धरती माता को बचाने के लिए , 


 *संपूर्ण स्वच्छता अभियान !* 

चलाने की सख्त जरूरत है !


इसके लिए सामुहिक वैश्विक रणनीति बनानी पडेगी !


सद्गुरु कृपा तथा परम ईश्वरी कृपा से मैं मोदीजी , योगीजी के कुछ ग्रुप में उपस्थित था !

मेरे अनेक लेखों द्वारा मेरा मकसद मैंने उन महात्माओं तक पहुंचाया भी है !


अब

सांस्कृतिक पुनरूथ्थान के लिए

फिरसे


हर देश में मैं विस्तृत मात्रा में गुरूकुल और गौशाला आरंभ करना चाहता हूं !


इसके लिए व्यापक वैश्विक संगठन भी बनाने के प्रयास में हूं !


 *मगर* ?

सबसे पहले

 *संपूर्ण पृथ्वी का* 

 *व्यापक शुध्दि आंदोलन* 


 *आरंभ करना होगा !* 


इसके लिए एक जबरदस्त शक्तिशाली और यशस्वी रणनीति की जरूरत होगी !


जिसके लिए वैश्विक महात्माओं का संपूर्ण तथा आत्मीय सहयोग प्राप्त होगा ऐसी आशा है !


संपूर्ण विश्व में

चौतरफा तथा विविध माध्यमों द्वारा

तेजस्वी

घरवापसी अभियान भी

गतिशील बनाना होगा !


कम समय में जादा कार्य सफलता की रणनीति अपनानी होगी !


हर हिंदू फिरसे

शस्त्र ,शास्त्र , अस्त्र संपन्न तो होगा ही !

साथ ही संपूर्ण विश्व में तेजीसे घरवापसी भी होगी !


आप सभी का आत्मीय सहयोग भी चाहिए !


शायदअब

ईश्वरी इच्छा से ही

हिंदुमय विश्व की

शुरूआत हो गई होगी !


कार्य सफलता के लिए ,

मैंने भी अनेक सालों तक खडतर तपश्चर्या करके , अनेक देवीदेवताओं के आशिर्वाद भी प्राप्त किए है !


अब प्रतिक्षा है ,

 *ईश्वर के अंतिम आदेश की !!* 


 *जय श्रीकृष्णा !!* 

 *हर हर महादेव !!* 


🕉✅🚩🕉✅🚩


 *विनोदकुमार महाजन*

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