साधना
साधना से मनुष्य को पुर्णत्व प्राप्त होता है , और ऐसा व्यक्ती ईश्वर स्वरूप बन जाता है ! चाहे वह साधना सात्विक हो या फिर अघोर साधना हो ! निरंतर साधना से सिध्दीयों का भंडार भी प्राप्त होता है ! साधना के बिना मनुष्य जीवन अधूरा है !
विनोदकुमार महाजन
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