प्रेम

 किसी व्यक्ती पर किया हुवा निस्वार्थ प्रेम और आत्मीए सहयोग ईश्वर के ह्रदय तक पहुंचता है तो स्वार्थी प्रेम और दिखावा हमेशा के लिए बह जाता है !!!


विनोदकुमार महाजन

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