मुसीबतों में हिंदू
*हिंदुओं को पैसा कौन देगा ?*
✍️ २६९८
*विनोदकुमार महाजन*
✍️❓⁉❓⁉
संपूर्ण देश में और संपूर्ण विश्व में भी लगभग सभी हिंदुओं की आर्थिक स्थिति कैसी है ?
लगभग सभी हिंदुओं में आर्थिक मजबुरीयां , आर्थिक परेशानियां ही जादा मात्रा में दिखाई देगी !
*क्यों ??*
और संपूर्ण देश के और संपूर्ण विश्व के सभी हिंदुओं को आर्थिक संपन्न बनाने का अंतिम उत्तर और उपाय क्या है ?
मेरे पास इसका उपाय है !
अनेक योजनाएं है !
मगर उसको अमल में लाने के लिए , यथोचित साधन उपलब्ध नहीं है !
इसी विषय पर गहराई से मनन , चिंतन करके , अनेक लेख भी लिखे , मगर साथ देने वाला तक कोई नहीं मिलता है !
विडम्बना ??
वैसे तो हिंदुओं का ही संपूर्ण विश्व पर राज्य भी था और हर हिंदू आर्थिक संपन्न था , इसके अनेक सबूत भी इतिहास में मौजूद है !
विक्रमादित्य का समय ?
सोने की चिडिय़ा वाला देश था यह ! संस्कृति और संपन्नता यहां चरम सिमा पर थी !
सोचो....
केवल एक पद्मनाभ मंदिर ही इतना वैभवशाली था की उसके संपत्ति का मूल्यांकन करना भी असंभव था !
केवल एक पद्मनाभ मूर्ति की कीमत बताना भी आज भी असंभव है !
तो ऐसे कितने वैभवशाली मंदिर थे ? जिसका आंकलन करना भी असंभव है !
आज भी बचेखुचे हिंदू मंदिरों के चढावे पर सभी का अधिकार ? और दूसरों के ❓⁉चढावे पर केवल उन्हींका हक ?
कितना भयंकर अत्याचार है ये आज भी ? शर्मनाक !
और ईश्वरी सिध्दांतों पर चलने वाला हिंदू ? गहरी निद्रा में ??
क्या यही लोकतंत्र है ?
क्या यही आजादी है ?
क्या यही गुलामी से मुक्तता है ?
आखिर हिंदुस्थान को और हिंदुओं को किसने बरबाद किया ?
आक्रमणकरी घुसपैठियों ने ? मूगल अंग्रेजों ने ?
या फिर हमारे ही लोगों ने ?
अनेक योजनाएं बनाकर हिंदुओं को संपन्न बनाने का मोदीजी आज भी लगातार और जी तोड़ प्रयास कर रहे है ! मगर घडे को पहले से ही छीद्र है तो ? उस घडे में पाणी भी आखिर भरेगा भी कैसे ?
हिंदुओं का पैसा भी गलत लोगों के हाथों में जा रहा है !
और अनेक आर्थिक योजनाओं का विपरीत लाभ भी कुछ असामाजिक तत्वों को मिल रहा है ! और आज इसकी पक्की काट नहीं है !
अनेक हिंदुत्ववादी संगठनों को और अनेक योग्यता पूर्ण हिंदुओं को अनेक आर्थिक परेशानियों के कारण आज भी हिंदुत्व का कार्य तेजी से बढाने में दिक्कतें आती रहती है !
आखिर संपूर्ण हिंदुओं की आर्थिक उपेक्षा कब रूकेगी ? और हर हिंदू को आर्थिक संपन्नता कब और कैसे मिलेगी ?
इस समस्या का हल ढूंढने के लिए मोदीजी चारसौ पार माँग रहे थे !
मगर मुर्ख और गुलामी की आदत लगने वाले हिंदुओं में सारासार विचार करने की क्षमता बची नहीं है !
तो ऐसे मुर्ख और विनाशकारी सोच रखने वाले हिंदुओं को आखिर जगाएगा कौन ? और आखिर उनका आर्थिक विकास भी करेगा कौन ??
हिंदुत्व जागृती के लिए तथा हिंदू अभियान वैश्विक स्तर पर तेज करने के लिए , वैश्विक गुरूकुल , गौशाला , सांस्कृतिक फिल्म निर्माण के लिए , मुझे करोड़ों रूपयों की जरूरत है !
इसपर गहराई से हजारों लेख लिखने पर भी और ?
ऐसे लेख अब्जाधीश हिंदुओं के पास पहुंचा कर भी मुझे ? शून्य प्रतिसाद मिलता है !
तो हिंदुत्व का प्रखर कार्य करनेवाले कार्यकर्ताओं को कौन बल , शक्ति , धन देगा ? यह भी चींतनीय विषय है !
अनेक विदेशी धर्म प्रचारक इसी पवित्र भूमि में आकर , आक्रमक तरीकों से , पैसों के बल पर धर्म प्रचार और धर्म परिवर्तन करते रहते है ? उनको तुरंत करोड़ों की आर्थिक फंडिंग भी प्राप्त होती है !
और बेचारा हिंदू ?
यह सब देखकर हताश होकर , दुखी मन से यह सब भयंकर विनाशकारी तमाशा हमारे आँखों के सामने विवश होकर देखता रहता है !
मेरे जैसे अनेक जागृत हिंदुओं को , अपने ही ❓⁉प्रोत्साहित करने के बजाए ❓पीडा , नरकयातना , आत्मक्लेश देते रहते है ⁉निरंतर रूलाते रहते है ???
कितना भयंकर दुखदाई है ?
साथियों ...
फिर भी जीवन में हार माननी नहीं है ! हमारा जो अंतिम तथा भव्य दिव्य मकसद है , उसी में ईश्वरी सहयोग से विजय प्राप्त करनी ही है !
हम होंगे कामयाब...
एक दिन...
मन में है विश्वास...
पूरा है विश्वास...
हर हिंदू को संपन्न बनाना है ! हर हिंदू को संस्कृति की ओर ले जाना है ! हर हिंदू को अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाना है ! हर हिंदू को जगाना है !
यशस्वी विश्व चेतना अभियान चलाकर , ईश्वर निर्मित , सनातन संस्कृति की अंतिम विजय भी करनी है !
जय हिंद !
वंदेमातरम !!
जय श्रीकृष्ण !!!
हर हर महादेव !!!
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