दोस्ती

 दोस्ती अगर करनी ही है

तो परखकर किजिए प्यारे

" मैं मुसिबतों में हुं दोस्त " ,

ऐसा झूट कह दो

और तब देखो कमाल

झूटे दोस्त भाग जायेंगे

और कुछ गिने चुने मित्र ही

साथ रहेंगे


अनुभव किजिए और बताईये


विनोदकुमार महाजन

व्हाटसएप नं.

9890349751

Comments

Popular posts from this blog

ऊँ कालभैरवाय नम :

मोदिजी को पत्र ( ४० )

हिंदुराष्ट्र