मनुष्य जन्म

 मनुष्य देह का केवल और केवल एक ही उद्देश्य होना

चाहिए... "  ईश्वरी कार्य., धर्म कार्य और राष्ट्र कार्य.! "

निरर्थक जीवन तो कीडे मकौडे भी जीते है !! "


विनोदकुमार महाजन

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