दिवानसिंग
[03/05, 3:13 pm] Divansingh Bist, Haldwani: नमस्कार महाजनजी।
एक संशय है। पहलगांव आतंकी हमले में आतंकियों द्वारा हिंदुओं को पूछ पूछ कर गोली मारी गई थी जिसमें मृतकों की संख्या (25+1) थी। अर्थात २५ हिंदू तथा एक मुसलमान घोड़े वाला। इनके अलावा तो कोई घायल भी नहीं हुआ था। कृपया बताने की कृपा करें कि कितने लोग घायल हुए थे।
[03/05, 5:19 pm] vinodkumarm826: साजिश तो भयंकर थी
मगर नियती ने ही वह साजिश नाकाम कर दी
शायद
हिंदुत्व के अच्छे दिन आरंभ होने का संकेत होगा
[03/05, 5:20 pm] vinodkumarm826: आतंकियों के गाड़ी का ब्रेक फेल हो गया था
[03/05, 5:22 pm] vinodkumarm826: क्या होगा ?? https://globalhinduism.in/?p=2806
*कुछ भी नहीं होगा ???*
✍️ २६५०
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कुछ भी नहीं होगा !
जी हाँ !
चार दिन शोरशराबा होगा !
हल्ला गुल्ला होगा !
बंदूकें तानी जायेगी !
और एक दिन ? सदा के लिए ? सबकुछ शांत हो जायेगा !
थोडा बहुत जागनेवाला , मुर्दाड मन से जीनेवाला ,
अन्याय सहनेवाला और भागने की लत लगनेवाला,
हिंदू ??
फिर से सो जायेगा ❓⁉
क्योंकी ? इच्छाशक्ती का अभाव ! कुछ कर दिखाने का अभाव ! अत्याचार के प्रती प्रतिशोध का अभाव !
राजनितीयाँ चलेगी !
राजनितीयाँ शेकेगी !
राजकीय दाँवपेंच चलाये जायेंगे !
और....??
फिरसे ?
भयभीत करनेवाले भयंकर हमले भी आरंभ हो जायेंगे !
और हिंदू ?
मुर्दाड मन से सबकुछ सहता जायेगा ! हमेशा की तरह !
स्वाभिमान , आत्मतेज मरा हुआ चैतन्य शून्य समाज ,
आखिर कब जागेगा ?
संपूर्ण परिवर्तन के लिए ,
महाक्रांति अभियान के लिए , कब आगे बढेगा ?
जगाने वालों को , महापूरूषों के आदर्शों को भी ? यह निस्तेज समाज भूल जायेगा ?
हमेशा की तरह ??
ऐसा डर लगता है ?
क्योंकि आजतक ऐसा ही होता आ रहा है !
यह निराशावाद नहीं है , बल्कि हकीकत है !
इससे उपर उठकर अगर ,
प्रतिशोध की आग में ,
कृष्णनिती द्वारा आगे बढेगा ? कौटिल्य निती के अनुसार हर कदम , फूंकफूंककर चलेगा ?
तो निश्चित ही विजयी बनेगा ! विश्व गुरु भी बनेगा !
और विश्व विजेता भी !!
देखते है आखिर ईश्वर भी क्या चाहता है ?
मगर.... एक अंतिम सत्य भी है की....
नियती भी अपना हिसाब पूरा करके ही रहेगी !
किसी को भी नहीं छोडेगी !
भगवान का भगवा ही विश्व को तारक और ? विश्वोद्धारक भी है !!
हर हर महादेव !!!
👉🚩🚩🚩🚩
*विनोदकुमार महाजन*
[03/05, 5:24 pm] vinodkumarm826: दिवानसिंग जी
ईश्वर की इच्छा ही अब हिंदुत्व को बचायेगी
मोदिजी के युद्ध में ना कोई शक्ति दिखाई दे रही है
ना सैनिक शासन लगाने की दृढ़ इच्छाशक्ति
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