मुर्दाड हिंदू ?
*मुर्दों को जींदा कौन करेगा ?*
👆✍️
२५०२
*विनोदकुमार महाजन*
🙊🙊🙊🙊🙊🙊🤦♂️
देश में क्रांति ❓नहीं होगी !
क्योंकि हिंदू ❓थकाहारा ही
नही तो ❓🙊🤦♂️मरा हुआ है !
मुर्दाड हिंदुओं को जगाना ⁉
उन्हें ❓फिरसे जींदा करना ❓
साधारण बात नहीं है !
क्योंकि " इन्हे " अमृत पिलाकर
" इनका " चैतन्य जगाना ❓
साधारण सी बात नहीं !
क्योंकि हिंदू अब ❓
चैतन्यशून्य ❓बन गया है ❓
मुर्दाड मन से ❓
अपमानित ❓कलंकित ❓
जीवन जीना ❓
सिख गया है ⁉❓
धर्म , देव और देश के लिए ❓
संस्कार और संस्कृति के
लिए ❓जीना इन्होंने ❓
कब का छोड दिया है ❓
मत जगाओ रे मुर्दाडों को
मत अमृत पिलाओ नंपुसंकों को
अगर जींदा भी हुवा ❓
तो क्या करेगा ❓
राममंदिर की जगहपर ❓
फिरसे ❓....वहीं बनायेगा ⁉❓❓❓❓❓
जो आक्रमणकारियों ने ❓
अत्याचारीयों ने ❓
चोर , लुटेरों ने ❓
सदीयों से ⁉....बनाया था....!
मत जाग रे हिंदु( राजा )? !
तेजोहीन माती का पुतला
ऐसा ही तु सोता जा !
मरता जा !
जातीपाती में बँटता जा !
हरदिन , हरजगह कटता जा !
भागता भी जा !
स्वाभिमान शून्य ,लाचार ,
हीन दीन बनकर ,
नीचे मुंडी करके ❓
जीता जा !
कोई करें कितने भी अन्याय - अत्याचार....
कोई करें कितना भी देवीदेवताओं को बदनाम....
फिर भी तु....???
हो सके तो ?
राष्ट्रप्रेमीयों को गाली ?
देता जा !
और ❓
राष्ट्रद्रोहियों को ?
सरपर लेकर नाचता जा !
शाबास रे भलेबहाद्दर शाबास !
दिनबदिन ऐसा ही विपरीत आचरण करता जा....
और समय समय पर....
नामशेष होने के लिए ?
भागता जा !
तुम्हारे जैसे स्वाभिमान
शून्यों को ❓
ईश्वर भी आखिर ❓
क्यों बचायेगा ❓
कैसे बचायेगा ❓⁉
कबतक बचायेगा ⁉❓
आखिर तु भागता जा !
मरते दम तक भागता जा !
अस्तित्व शून्य होने की कगार पर ⁉❓खडा है...
तो भी तु...?
स्वाभिमान से लडऩे के बजाए ?
भागता जा !!
फ्री के राशन के लिए धूप में अनेक घंटे लाईन में खडे होता जा....
मगर ??
मतदान के लिए तु एक मिनट का भी समय मत निकालता जा
हे राम...
अब तु भी इन्हें मत बचाना !
मेरे राम आखिर अयोध्या में भी तु क्यों आया ?
मोदिजी और योगीजी ने भी
तुझे आखिर क्यों बुलाया ?
तु आने का भी इन्हें तो ?
ना आनंद है और नाही खुशी !
हिंदुओं की आखिर क्यों बन गई
इतनी भयंकर उदासी ?
*धर्मग्लानी ❓*
*अंदर बाहर से धर्मसंकट ⁉*
कौन बचायेगा धर्म को ?
आखिर अब एक ही आँस ?
सर्वोच्च सत्तास्थान से ही है
आखिरी आँस !!
और फिर भी साथीयों ,
इसीलिए साथियों ?
अब हमें यह सबकुछ तुरंत बदलना है तो ?
आज कृष्णनिती से चलकर
सत्य की आखिरी जीत करनेवाला....
कल्की चाहिए !
सर्वोच्च सत्तास्थान पर
कल्की का वरदान चाहिए !!
हे राम...अब राम बनकर मत आना
बल्कि कल्की बनकर आ जाना
उन्मत्त ,उन्मादियों का ?
सदा के लिए सफाया करना !
क्या सचमुच में कल्की आ गया है ???
कल्की आ रहा है ???
संपूर्ण धरती से ?
पाप धोने के लिए ??
अब तो ?
कल्कीराज ही हमें बचायेगा !!
*जय कल्कीराज !!!*
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