बचपन
अगर बचपन में तुम्हारा
कोई मानसिक छल कपट
करता है तो यह गहरी
जख्म तुम्हारे दिलोदिमाग में आजीवनताजी रहती है और उसी याद से तुम्हारी आत्मा निरंतर तडपती रहती है !
छोटे बच्चे फूलों जैसे !!
विनोदकुमार महाजन
अगर बचपन में तुम्हारा
कोई मानसिक छल कपट
करता है तो यह गहरी
जख्म तुम्हारे दिलोदिमाग में आजीवनताजी रहती है और उसी याद से तुम्हारी आत्मा निरंतर तडपती रहती है !
छोटे बच्चे फूलों जैसे !!
विनोदकुमार महाजन
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