शक्तीमान भीम...।

सनातन प्रेमी,सत्य प्रेमी,कृष्ण भक्त शक्तिमान भीम……पांडवों का भाई.....भीम....!!!
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महाभारत के अनुसार भीम महापराक्रमी तथा शक्तिशाली थे।
सभी पाण्डवों में वे सर्वाधिक बलशाली और श्रेष्ठ कद-काठी के थे एवं युधिष्ठिर के सबसे प्रिय सहोदर थे। भीमसेन पौराणिक बल का गुणगान पूरे काव्य में किया गया है। 
जैसे:- "सभी गदाधारियों में भीम के समान कोई नहीं है और ऐसा भी कोई जो गज की सवारी करने में इतना योग्य हो और बल में तो वे दस हज़ार हाथियों के समान है। युद्ध कला में पारंगत और सक्रिय, जिन्हें यदि क्रोध दिलाया जाए जो कई धृतराष्ट्रों को वे समाप्त कर सकते हैं। सदैव रोषरत और बलवान, युद्ध में तो स्वयं इन्द्र भी उन्हें परास्त नहीं कर सकते।" वनवास काल में इन्होने अनेक राक्षसों का वध किया जिसमें बकासुर एवं हिडिंब आदि प्रमुख हैं एवं अज्ञातवास में विराट नरेश के साले कीचक का वध करके द्रौपदी की रक्षा की। यह गदा युद़्ध में बहुत ही प्रवीण थे एवं द्रोणाचार्य और बलराम के शिष़्य थे। युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में राजाओं की कमी होने पर उन्होने मगध के शासक जरासंध को परास्त करके ८६ राजाओं को मुक्त कराया। द्रौपदी के चीरहरण का बदला लेने के लिए उन्होने दुःशासन की छाती फाड़ कर उसका रक्त पान किया। भीम काम्यक वन नामक राक्षसी वन का राजा था। महा दैत्य वन का पूर्व राजा हिडिंबसुर राक्षस था।

महाभारत के युद्ध में भीम ने ही सारे कौरव भाइयों का वध किया था। इन्ही के द्वारा दुर्योधन के वध के साथ ही महाभारत के युद्ध का अंत हो गया।

ऐसे थे हमारे आदर्श सर्वशक्तिमान, सनातन प्रेमी,कृष्ण प्रेमी,बलाढ्य भीम...

सनातन प्रेमी भीम की 
जय हो,
जय हो,
जय हो।

जयजयकार है हमारे कृष्ण भक्त महापराक्रमी, शक्तीमान भीमसेन का।
पाँच पांडवों में से एक शक्तिशाली पात्र,
भीम….

सामर्थ्यशाली, बलवान, शक्तिशाली,अतुल पराक्रमी, मुष्ठीयोध्दा।
और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की,प्रत्यक्ष परमात्मा श्रीकृष्ण का देहरूप से सहवास।कितना भाग्यशाली पात्र है यह महाभारत में।
भीमपराक्रम सर्वज्ञात है,भीम नाम से।
जब बकासुर का सामना भीम को करना पडा था,उसी वक्त का भीम का अतुलनीय धारिष्ट्य सर्वश्रुत है।
बकासुर भीम को मुक्कों से प्रहार कर रहा था,और भीम…
बकासुर का सारा खाना बिल्कुल शांत चित्त से खा रहा था।जैसे की बकासुर के मुक्कों का कुछ भी असर भीम पर नही पड रहा था।
और….
जब खाना पूरा हो गया तब भीम ने अपने मुक्कों से प्रचंड राक्षसी और ताकदवर बकासुर को यमसदन को भेज दिया।


हमें यह कथा यही सिखाती है की,
जब हम ईश्वरी कार्य कर रहे होते है,या फिर सत्य की लडाई लड रहे होते है,
तब….
बकासुर जैसे अनेक दुष्ट, पापी,उन्मादी हमें पिडा,तकलिफें देते है।हमें परेशान करने की कोशिश लगातार करते रहते है।वह भी विनावजह।
तो ऐसे समय में हमें परेशान न होकर,भीम जैसा धिरोदात्त बनकर ऐसे दुष्टों का सामना करना पडता है।जीतना दिमाग ठंडा उतनी हमारी प्रतिकार शक्ती सौ गुना अधिक बढ जाती है।और ईश्वरी उपासना या साधना द्वारा, दिमाग को ठंडा रखकर कार्यसफलता प्राप्त करना आसान हो जाता है।

द्रौपदी के अपमान का बदला लेने के लिए दु:शासन की जंघा फाडकर, भीम ने वह खून भी पिया था।और द्रौपदी के बालों भी उसी खून द्वारा नहाया था।और द्रौपदी के अपमान का प्रतिशोध लिया था।

क्योंकि हमारे सभी पूर्वज तेजस्वी, ईश्वर पूत्र थे।
और हम भी उन्ही के आदर्श सिध्दातों पर चलनेवाले तेजस्वी धधगती ज्वाला है।

अगर हमारे धर्म को,संस्कृति को,देवीदेवताओं को,साधुसंतों को कोई विनावजह बदनाम करता है...
तो हम भी अब अत्याचार नही सहेंगे।

क्योंकि,
हम मानवतावादी है,सहिष्णु है और इसीलिए सभी धर्मों पर,जातीपर,मथपंथो पर जी जान से सदीयों से प्रेम ही करते आये है।और आज भी करते है।

और अगर फिर भी हमें बदनाम करने का षड्यंत्र कोई चलाता है तो उसे क्षमा नही करेंगे।
कानून की लडाई लडकर,ऐसे गद्दारों को हम सख्त से सख्त सजा देने का प्रयास करेंगे।

और..।
आज हमारे जैसे प्रखर राष्ट्रप्रेमियों का अब एक ही मकसद है….
बहुसंख्यक हिंदु आबादी वाले देश को,
फिर से सामर्थ्यशाली, बलवान, सुसंस्कृत,आर्थिक संपन्न,
” हिंदु राष्ट्र “,
बनाना।

और हम बनाकर ही रहेंगे।
मन में है विश्वास।
पूरा है विश्वास।


बकासुर जैसे मुसिबतें खडी करनेवाले,विघ्न-बाधाएं डालनेवाले अनेक महाराक्षस भी हमें मिले तो भी….
भीम की तरह दृढनिश्चयी बनकर,दृढसंकल्पित होकर,
हमें हमारी मंजिल तक पहुंचना ही होगा।और हम हमारी मंजिल तक पहुंचकर ही रहेंगे।
दृढ इच्छाशक्ति नामुमकिन को भी मुमकिन में बदल ही देती है।

हम सभी सत्य प्रेमी,ईश्वर प्रेमी, सनातन प्रेमी हमेशा हमारे संतानों के नाम देवी देवताओं के नाम पर रखते है।

जैसे की,
राम,कृष्ण, अर्जुन, भीम,दशरथ, हनुमान।
ठीक है ना ?
यह नाम रखने का हमारे माता पिता उद्देश्य भी ऐसा होता है की,
हमारी संतानें भी,
देवीदेवता तुल्य आदर्श बने।और अपना जीवन सार्थक करें।और नाम भी रोशन करें।
हमारे शक्तीमान भीम के भी नाम अनेक माता पिता बडे गर्व से रखते है।
ताकी उनका वह बेटा भी,ईश्वर तुल्य,परोपकारी और शक्तीमान बनें।

सच्चाई है ना ?
या झूठ लिख रहा हुं....?


हरी ओम्।

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