मेरे प्यारे हिंदु भाईयों...।

मेरे प्यारे सभी हिंदु भाईयों...।
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संपूर्ण विश्व में फैले हुए, देशविदेश के मेरे प्यारे सभी हिंदु भाईयों, ईश्वर को पूजनेवाले, अनेक मत - पथ - पंथो में,अनेक जाती - जनजातीयों में,मनभेद - मतभेद वाले भाईयों, अनेक राजकीय पार्टीयों में बिखरे हुए मेरे भाईयों, संस्कृती पूजक,मानवताप्रेमी,गौमाता प्रेमी,माता भारती तथा माता धरती प्रेमी,सण - उत्सवों को बडे धूम धाम से मनाने वाले....
मेरे प्यारे प्यारे सभी भाईयों,
धर्म रक्षा,संस्कृती रक्षा,मानवता की रक्षा,मंदिरों की रक्षा,आदर्श सिद्धातों की रक्षा,कुदरत तथा ईश्वरी कानून की रक्षा,पेड - जंगलों की रक्षा...
के लिए....
सभी मनभेद - मतभेद,
सभी राजकीय मतभेद,
सत्ता - संपत्ती का मोह,
धन - वैभव का मोह,

छोडकर,

संगठीत बनो।
हमारा आदर्श ईश्वरी सिध्दांतों पर आधारित चलनेवाला, मानवतावादी धर्म आज राष्ट्रविघातक तथा अराजकतावादी,धर्मद्रोही, हाहाकारी,राक्षसी शक्तियों द्धारा, बडी चालाकी से तथा कुटिल निती द्वारा घेरा जा रहा है।सदियों से यह सिलसिला चलता आ रहा है।

आक्रमणकारी, लुटेरे, अत्याचारी, क्रूर तथा हिंसक राष्ट्र द्रोही बडी चालाकी से हमें आपस में जातीपाती जैसे,अनेक भयंकर षड्यंत्रों द्वारा हमें आपस में लडवाकर,उनकी अनेक जहरीली, राक्षसी,कुटील निती द्वारा उनका हैवानियत भरा उद्देश्य साध्य करने की कोशीश में लगातार जुटे हुए है।

हमें विविध माध्यमों से आपस में लडवाकर, तोडकर यह तुकडा वाली गैंग बडे शातीर दिमाग से कुटील ता से कार्य कर रही है।

सोचो,समझो,जानो,जागो।

आपसी मतभेद तथा मनभेद की वजह से,सत्ता - संपत्ती के मोह से हमे आजतक बहुत नुकसान झेलना पडा है।

आपसी मतभेदों के कारण कुछ असामाजिक तत्व तथा कुछ राक्षसी शक्तियां धिरे धिरे शक्तिशाली बनती जा रही है।
यह सब हमारे लिए,हमारी अगली पिढी के लिए,हमारा और हमारी अगली पिढी के भविष्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।

क्योंकी धर्म बचेगा तो संस्कृती बचेगी,तो ही मंदिर ,मठ बचेंगे।तो ही मानवता,ईश्वरी सिध्दांत बचेंगे।और तभी हमारी अगली पिढी का भविष्य उज्वल होगा।

नही तो....?

पाकिस्तान, बांगला देश में...
हम वहाँ के मालिक होकर भी,
आपसी कलह की वजह से,या फिर अन्य कारणों की वजह से,

वहाँ की हमारी भयंकर, भयानक, भयावह स्थिती आप हरदिन अपनी आँखों से देख रहे हो।

चोर बैठा गद्दी पर।
संस्कृति, सिध्दांत,मानवता को तिलांजलि देकर।

समय से पहले जाग जावो।
यह भूमी संस्कृती संपन्न बनाये रखने के लिए,
आपसी कलह,मतभेद, स्वार्थ ,सबकुछ छोडकर...

संगठीत बनो....

और....
भगवान के भगवे के निचे,
उसे माननेवाले सामाजिक तथा राजकीय संगठन में ,बिना सोचे समझे,विनाविलंब एक हो जावो।
समय भयंकर विचित्र तथा कठीण है।

हमारे देवीदेवता,ऋषीमुनी,सिध्दपुरूष, महात्मे,अवतारी पुरूष, साधुसंत, महासिध्दयोगी,महापुरुष ,दैवी पुरूष इनके आदर्श सिध्दातों को जीताने के लिए....

एक बनो,संगठित बनो,शक्तिशाली बनो।
मनभेद - मतभेद छोडो।
जातीयवाद का जहर जो जानबूझकर हमें तोडऩे के लिए,आपस में लडवाने के लिए,समाज में घोला जा रहा है।

राक्षसी सिध्दातों को बढावा देने के लिए,यह षड्यंत्र चलाया जा रहा है।

जागो मोहन प्यारे।
आँखें खोलो मोहन प्यारे।
जागो रे,जागो रे,
जागो...मोहन प्यारे।

समझे कुछ ?
या फिर अभी भी अनाडी ही हो ?

समझने वाले समझ गये,
ना समझे वो अनाडी है ?

याद है ना यह गाना ?

कानून के दायरे में रहकर,
किसी धर्म से नफरत ना करके,
हमारे सहिष्णुता के आदर्श सिध्दातों को स्विकार करके,

बडे ठंडे दिमाग से....

हम यह कानूनी लडाई लड रहे है।
और हमें इसमें जीतना ही है।

अब,
हमारे सभी भाईयों

को

हमें समझना है की,
हमने आजतक सहिष्णुता, मानवता,के नाते हमने आजतक तुम्हें बहुत कुछ दिया है।
सच्चा प्रेम भी दिया है और भाईचारा भी निभाया है।

अब,
समय तुम्हारे हाथ में है।
जो हमने आजतक तुमको दिया है,
वही सिध्दांत, रास्ते, प्यार, ममत्व ,सहयोग अब ...

तुम सभी हमको दो।

हम ईश्वरी आदर्श रास्तों से चलने वाले,
कभी भी किसी का बुरा नही कर सकते।
आजतक का यही अनुभव है।

इसिलए अब सभी को,
हमारी संस्कृति रक्षा के लिए, मानवता के नाते से....

हमारा साथ देना ही होगा।
तभी और केवल तभी हम आपको भाई समझेंगे।

नही तो.....???

आप हमारे भाई कैसे होंगे ?

सोचो,समझो,जानो।

अब हमारे संस्कृति का,हमारे भविष्य का,हमारे अगली पिढी का और हमारा खुद का भी...

भविष्य..अब हम.. उज्वल बनाना चाहते है।

जो हमारे अभियान में साथ देगा,
केवल वही हमारा होगा।

जो हमारा विरोध करेगा, वह हमारा कभी भी नही होगा।

और जो हमारा नही होगा,
उसको हम क्यों सहयोग करेंगे ?
उससे हम क्यों प्रेम करेंगे ?
उससे हम कैसे भाईचारे का नाता निभायेंगे ?

प्रेम वो सही होता है,
जो दोनों तरफ से किया जाता है।
अगर हम सभी पर केवल एकतरफा प्रेम करते है,
और बदले में हमें प्रेम के बजाय,
षड्यंत्र का सामना करना पडता है...

तो.....???

हम क्या करें....???

इसका उत्तर अब उन्हीं को ही देना है।

जो राष्ट्र निर्माण, संस्कृति पूजा,गौमाता रक्षा,ईश्वरी कानून से प्रेम करने में हमें सहयोग करेगा,
वही और केवल वही हमारा होगा।
प्रेम के बदले हमें अब प्रेम ही चाहिए।
प्रेम के बदले हमें अब धोकाधड़ी नही चाहिए।
षड्यंत्र नही चाहिए।

अन्यथा.....!!!

हमारे भाई कैसे होंगे ?

देखते है क्या होता है।

हरी ओम्
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विनोदकुमार महाजन।

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