चिंता मत कर
ये दिन भी जायेंगे प्यारे, चिंता मत कर...!!!
यारों,
जींदगी में हर एक को बुरे दिनों का सामना कभी ना कभी करना ही पडता है।
ऐसे मुसिबतों के समय में हिम्मत कभी भी हारना नही।
बुलंद हौसला और बुलंद इरादा लेकर,
हर पल,हर घडी आगे बढना है।
" ये भी दिन जायेंगे दोस्त ",
ऐसा संवाद खुद के मन को नितदिन करना है।
मन को यह भी कहना है की,
दिन बुरे है...जींदगी नही।
बुरे दिन जाते ही जरूर अच्छे दिन तो आ ही जायेंगे।
बुरे समय में हमारा कोई भी नही होता है।
सिर्फ सद्गुरू और ईश्वर ही रखवाले होते है।
रिश्तेनाते सब भाग जाते है।
सुख के सब साथी,दुख में ना कोय...
यह पंक्ती भी बार बार याद आती रहती है।
इसिलिए हिम्मत ना हारना,ईश्वर पर पूरा भरौसा रखकर
आनंदी जीवन आरंभ होने का इंतजार करना।
और आनंदी जीवन जरूर शुरू होंगे ही ऐसा
दिव्य संकल्प भी करना।
हमने कभी किसी का बुरा किया ही नही,सपनों में भी किसी का बुरासोचा तक नही ?
तो हमारा क्यों और कैसे बुरा होगा ?
ईश्वर भी हमें सहायता करेगा।
प्रारब्ध गती से मिले हुए दुखों से एकदिन जरूर छुटकारा मिलेगा ही,
ऐसा आशावाद रखकर ही हर पल,हर दिन
आगे आगे ही बढना।
दोस्तोंं,
सत्य को तो अनेक कठोर तथा भयंकर अग्नीपरिक्षायें तो देनी ही पडती है।
अगर हम सच्चे ईश्वर पूत्र है,ईश्वर भक्त है तो...
चाहे आयें कितने भी जहर के सागर तो हम इसे पार करके ही जायेंगे।
और हमारी मंझील प्राप्त करके ही रहेंगे,
ऐसा दिव्यत्व हम हर दिन देखेंगे,सोचेंगे...
तो...???
बुरे दिन भी निकल जायेंगे।
चिंता मत करना,
सत्य का रखवाला खुद ईश्वर होता है।
ये भी दिन जायेंगे प्यारे !!!
हरी बोल।
हरी ओम् ।
विनोदकुमार महाजन।
यारों,
जींदगी में हर एक को बुरे दिनों का सामना कभी ना कभी करना ही पडता है।
ऐसे मुसिबतों के समय में हिम्मत कभी भी हारना नही।
बुलंद हौसला और बुलंद इरादा लेकर,
हर पल,हर घडी आगे बढना है।
" ये भी दिन जायेंगे दोस्त ",
ऐसा संवाद खुद के मन को नितदिन करना है।
मन को यह भी कहना है की,
दिन बुरे है...जींदगी नही।
बुरे दिन जाते ही जरूर अच्छे दिन तो आ ही जायेंगे।
बुरे समय में हमारा कोई भी नही होता है।
सिर्फ सद्गुरू और ईश्वर ही रखवाले होते है।
रिश्तेनाते सब भाग जाते है।
सुख के सब साथी,दुख में ना कोय...
यह पंक्ती भी बार बार याद आती रहती है।
इसिलिए हिम्मत ना हारना,ईश्वर पर पूरा भरौसा रखकर
आनंदी जीवन आरंभ होने का इंतजार करना।
और आनंदी जीवन जरूर शुरू होंगे ही ऐसा
दिव्य संकल्प भी करना।
हमने कभी किसी का बुरा किया ही नही,सपनों में भी किसी का बुरासोचा तक नही ?
तो हमारा क्यों और कैसे बुरा होगा ?
ईश्वर भी हमें सहायता करेगा।
प्रारब्ध गती से मिले हुए दुखों से एकदिन जरूर छुटकारा मिलेगा ही,
ऐसा आशावाद रखकर ही हर पल,हर दिन
आगे आगे ही बढना।
दोस्तोंं,
सत्य को तो अनेक कठोर तथा भयंकर अग्नीपरिक्षायें तो देनी ही पडती है।
अगर हम सच्चे ईश्वर पूत्र है,ईश्वर भक्त है तो...
चाहे आयें कितने भी जहर के सागर तो हम इसे पार करके ही जायेंगे।
और हमारी मंझील प्राप्त करके ही रहेंगे,
ऐसा दिव्यत्व हम हर दिन देखेंगे,सोचेंगे...
तो...???
बुरे दिन भी निकल जायेंगे।
चिंता मत करना,
सत्य का रखवाला खुद ईश्वर होता है।
ये भी दिन जायेंगे प्यारे !!!
हरी बोल।
हरी ओम् ।
विनोदकुमार महाजन।
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