दिल का दर्द

 दिल की तडप


मुसिबतों की आग में अनेक सालों से

चारों तरफ से जलता आया हुं


समाज में आजतक ईश्वरी कार्य के लिए प्रोत्साहित करनेवाला

और सहयोग करनेवाला एक भी व्यक्ति नही मिला


इसिके साथ ही परिवार में भी

आजतक एक भी व्यक्ति

प्रोत्साहित करनेवाला अथवा

सहयोग करनेवाला एक भी

व्यक्ति नही मिला


अपमानित करनेवाले, रूलानेवाले,आंतरिक पिडा देनेवाले, पिछे धकेलने वाले,पंख काटनेवाले, पैरों पर कुल्हाड़ी चलाने वाले,

दिव्य प्रेम के बावजूद भी ह्रदय पर कुठाराघात

करनेवाले ही अनेक मिले


सहारा देनेवाला कोई नही मिला

बेसहारा करनेवाले ही सभी मिले


फिर भी दसदिशाओं से

सिध्दांतों के लिए अकेला ही लडता आया हुं...

लहुलुहान दिल लेकर लडता हुं,

सिर्फ अकेला...


साथ देनेवाले है एक निराकार ब्रम्ह और सद्गुरु के आशिर्वाद

बस्स...

और क्या चाहिए ?


और फिर भी आज अपेक्षित यश के बिल्कुल नजदीक भी हुं


हरी ओम्


विनोदकुमार महाजन

( 30/01/2021 )

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