मनुष्य जन्म

 पंचमहाभभतों का देह निमित्त मात्र ही पृथ्वी पर रह जाता है

और आत्मतत्व स्वर्ग से एकरूप

हो जाता है

यही मोक्ष भी है और यही

मनुष्य जन्म का अंतिम साध्य

भी है


हरी ऊँ

विनोदकुमार

Comments

Popular posts from this blog

मोदिजी को पत्र ( ४० )

हिंदुराष्ट्र

साप आणी माणूस