कौन है भारत का विराथु ?

 कौन है भारत का...

विराथु ???

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हर घर में जायेगा,

मन मन को जगायेगा,

ईश्वरी राज्य लायेगा,

देशद्रोहियों का बहिष्कार

करने के लिए...

हर व्यक्ति को जगायेगा ?


माथे पर भगवान का

भगवा तीलक,

हर दुकान, मकान पर

भगवा ध्वज,

लगाने को बताएगा !


रामराज्य के लिए

वायुगती से कार्य

आगे बढायेगा !


जागो हिंदुस्थानीयों !

मायावी अजगर चारों तरफ से

शक्ति बढा रहा है !

सत्य, इमान, संस्कृति को

निगलने की रणनीति

बना रहा है !


और हम गहरी निंद में

सो रहे है !

जब रात में " कश्मीर कांड "

आरंभ हो जाता है

तब हमारी निंद खुलती है !


अनेक आक्रमणकारी,लुटेरे,

अत्याचारी आये !

संस्कृति तबाह करते गये !

संस्कृति भंजन करते रहे !

मंदिर गिराते रहे !

सत्य को जमीन के निचे

दफनाते गये !


उफ् , ...

फिर भी हम सोते रहे !

आपस में लडते रहे !

एक दूसरे का पाँव खिंचते रहे !

महापुरुषों को,समाजसुधारकों को....

पीडा, नरकयातनाएं देते रहे...!!

उनका जीना हराम करते गये !


और खुद का अध:पतन करते रहे !!!!


जातीपाती में बँटते गये, 

समाज को कमजोर करते रहे,

निजी स्वार्थ के लिए 

अनेक राजकीय पार्टीयों में

बँटते गये !

सत्ता, संपत्ती के लालच में

हर जगह जयचंद बनकर

सत्य वादीयों पर ही 

वार,प्रहार करते गये !


खुद का नाश हम खुद ही

करते गये !!!


ऐसे भयंकर निद्रीस्त समाज को

जगाने के लिए,

उन्मादी जयचंदों को हराने के लिए.....


बस्स....

अब जरूरत है एक विराथु की !

जो समाज मन की चेतना

जगायेगा !

मन मन को जगायेगा !

घर घर में जाकर,

सत्य की,सत्य सनातन की

रौशनी फैलायेगा !


वायुगती से कार्य बढायेगा !


समय बहुत कम है साथीयों !

अजगर, येनकेन प्रकारेण

पैर पसार रहा है !

शक्ति बढा रहा है !


आक्रमणकारी,लुटारूओं के नाम

हमारे गाँव, गली,शहरों को

लगाये गये है !

और हम स्वाभिमान शून्य बनकर

यह नाम हमारे ही छाती पर लेकर....

गर्व से नाच रहे है !


हम कब जागेंगे ?

हम कब सुधरेंगे ?

पैरों के निचे की जमीन

धिरे धिरे खिसक रही है !


और हम ???

आपस में लडने, झगडने में,

आपसी मतभेदों में,बैरभाव में

मस्त है... !


जब पाकिस्तान, बांग्ला, अफगानिस्तान जैसे प्रदेश बनते है....

जब हमारे आसपास भी ऐसा ही माहौल दिखाई देता है....

तब भी हम गहरी नींद में

मस्त है.....!


जो हमें जगाने की कोशिश कर रहा है...

उसे ही हम उल्टा मिटा रहे है...!!!


दुर्देव...

देश का,धर्म का !


कबतक ???

कबतक चलेगा ऐसा ???


इसिलए,

कौन है विराथु ?

कहाँ है विराथु ?

कब आयेगा विराथु ?


हमें गहरी निंद से जगाने के लिए...

सत्य की जीत के लिए...

धर्म की रक्षा के लिए...

आसुरी शक्तियों का बहिष्कार

करने के लिए....


धर्म की पुर्नस्थापना के लिए...

कब आयेगा....


विराथु ???


जो भगवत् गीता हाथ में लेकर,

और कृष्ण निती से आगे चलकर,

सत्य सनातन की जीत कर सके !


हरी ओम्

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विनोदकुमार महाजन

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