सैतानों की सहायता

 क्यों ? " सैतानों " की सहायता  कर रहे हो ???

✍️२१५०

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" तुम्हारे " बीच रहेंगे,

बिजनेस - कारोबार करेंगे !

तुम्हारा ही पैसा हडपेंगे !

और तुम्हे ही " समाप्त " करने का महाभयंकर षड्यंत्र...

दिनरात करेंगे !


अजब गजब की प्रजाती है ये तो !

" आधा " अधूरे ज्ञान से है आज

पूरी दुनिया हैरान !


विश्वासघात,बेरहमी, बर्बरता का

महाभयानक क्रौर्य !


" तुम्हारे ही बीच रहेंगें...तुम्हारा ही धन,जायदाद हडपेंगे !

और तुम्हारा ही नामोनिशान मिटा देंगे !

तुम्हें ही काटने का,नेस्तनाबूद करने का...खेल खेलते रहेंगे ! "


पहचानो कौन ???


और तुम ???

मूर्ख, बेवकूफ..." उनकी " ही

झोलीयाँ दिनरात भरते रहेंगे !

तो...?

ईश्वर भी " तुम्हें " कैसे बचायेगा ?


नादान बनकर दिनरात फिरते है मारे मारे....

और " विनाशकारी सैतानों की "

झोलीयाँ भरते रहते है...

" भागनेवाले असहाय बेचारे ! "

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विनोदकुमार महाजन

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