बुलंद हौसले

 बुलंद हौसले !!!

✍️ २१६६


हमारी भी मन - भावनाएं

होती है,यह धारणा हमारे

हितशत्रुयोंको और हमारे

विरोधियों को कभी भी नहीं 

होती है !


" और ह्रदयशून्य समाज को भी  ! "


इसिलिए हमारे हितशत्रु हमारे

ह्रदय पर चौबिसों घंटे

वज्राघात ही करते रहते है !

और हमारे मन तथा भावनाओं को निरंतर चोट पहुंचाते ही

रहते है !


इसिलिए हमारे हितशत्रुयोंके

मन - भावनाओं का भी विचार

किए बगैर हमारे दिव्य और

उदात्त मंजिल तक और हमारे

उदात्त,व्यापक,सर्वसमावेशक,

ध्येयपूर्ती तक एकेक कदम

दृढ निश्चय पूर्वक आगे बढाना

ही होता है !


तभी कामयाबी हासिल हो

सकती है !


इसिलिए,

ध्येयवादी साथीयों...

चलो शिघ्रगती से,

" हिंदुराष्ट्र निर्माण " की ओर !

चलो एकेक कदम,

दृढ निश्चय और निर्धार से,

" नवयुग निर्माण " की ओर !


" हौसले जब बुलंद होते है...! "

तब " कामयाबी भी " हमारे

चरण छूकर ही रहती है !!!


हर हर महादेव !

जय श्रीराम !

हरी ओम् !


विनोदकुमार महाजन

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