कहानी दो ठगों की
" दो ठगों "का शातीर दिमाग
✍️ २१७६
विनोदकुमार महाजन
🤔🤫🤦♂️
साथीयों,
यह कहानी आटपाट नगर की है ! और संपूर्ण काल्पनिक है !
इसका कोई व्यक्ति अथवा व्यक्ति विशेष से संबंध नहीं है !
फिर भी आपको कोई संबंध लगता है तो...
यह एक " विचित्र " संयोग समझीये !
ईश्वर निर्मीत छोटेसे देहधारी दो विचित्र जीव !
और दोनों का देह भी भयंकर छोटासा !
और उनका दिमाग ?
कितना छोटासा होगा ?
सोचिए !
मच्छर और खटमल !
कितना छोटासा दिमाग होगा ना इन दोनों का ?
मगर योजनाएं ?
कौनसी योजनाएं ?
खून चुसने की ! इंन्सानों का खून !
क्योंकि इंन्सानों का खून चुसने के लिए ही ईश्वर ने इनको ऐसे योनियों में धकेल दिया है !
कितनी शातिर दिमाग की योजनाएं है ना दोनों के छोटेसे दिमाग की ? खून पिने की ?
अद्भुत व्युहरचना !
आश्चर्य !
कैसे ?
हर इंन्सानों का सोने का ठिकाना और समय तय करना !
वैसी निती बनाना !
और खून चुसने की रणनीति बनाकर, बेजोड़ हमला करना !
छोटासा देह,छोटासा दिमाग !
मगर व्यूहरचना ?
गजब की ?
ईश्वर भी कमाल का है ,जो ऐसे
" रक्तपिपासु " जीवों को भी कमाल का दिमाग देता है !
अब देखते है, आटपाट नगर के दो महाठगों के दिमाग की, और उनकी निती की भयंकर षड्यंत्रकारी, क्रूर कहानी !
उस आटपाट नगर को,वहाँ की संस्कृति को, सभ्यता और शालीनता को समाप्त करके,आसुरीक साम्राज्य स्थापित करने के भयंकर षडयंत्र की,भयानक कहानी !
अगर दो छोटेसे जीवजंतु, मच्छर और खटमल इतनी भयंकर रणनीति और साजिश, षड्यंत्र करते है तो ?
ऐसे महाभयंकर ठगों के सैतानी दिमाग ने,भोलेभाले... लोगों को ठगकर, फँसाकर, उनको,उनके आदर्शों को समाप्त करने की,अपने भयंकर दिमाग द्वारा,गहरी साजिश रची,भयंकर षड्यंत्र रचा... तो क्या विशेष है ? नहीं ना ?
कहानी का नाम है : - राम का नाम लेकर ही,राम की ही आदर्श संस्कृति को तबाह करना !
पात्र : - दो !
यह काल्पनिक कथा,एक मैडम, एक पांचवीं के क्लास में बडे रोचक तरीकों से, स्टुडेंट्स को बता रही थी !
मैडम ( बच्चों को ) :- बच्चों, आज मैं तुम्हें एक कहानी बता रही हूं !आटपाट नगर की !
मेरे प्रश्नों के जो सही उत्तर देगा,उसे बक्षीस मिलेगा !
तैयार ?
बच्चे : - तैयार !
मैडम : - यह कहानी दो महाठगों की है ! भोलेभाले जनता को फँसाने वाले !
एक का नाम था - गंदासूर ! और दूसरे का - नरासूर !
दोनों ने मिलकर, आटपाट नगरी के " राजा का " लोकतंत्र ही बडे शातिर तरीकों से और शातिर दिमाग से...
" हायजैक " कर लिया !
कैसे ?
नौटंकी की एक योजना बनाकर !
" असली राजा " को कुर्सी से बेदखल किया ! और खुद कुर्सी हडप ली !
और नाम दिया ?
" लोकतंत्र ! "
जो पिडी दर पिडी आगे बढता गया ! बढता गया !
बच्चे : - मगर यह शातिर दिमाग का षड्यंत्र रचा ही क्यों गया मैडम ?
मैडम : - ईश्वरी सिध्दांतों का और ईश्वरी राज्य का संपूर्ण सफाया करके,आसुरीक साम्राज्य की स्थापना करने के लिए !
बच्चे : - ( एक आवाज में ! )
अरे बापरे, यह तो बडा भयंकर हो गया ना ? फीर क्या हुवा मैडम ?
मैडम : - होना क्या था ?
उनकी योजनाएं धीरे धीरे कामयाब होती रही ! आपस में प्रेम करनेवाला समाज आपस में ही झगडने लगा ! तहस नहस होने लगा !दंगा फसाद बढने लगा ! अराजक बढता गया !
राक्षसी राज्य में,आसुरीक शक्तियों को बढावा मिला !
और भयंकर हाहाकार बढता गया ! हाय तौबा... मचता गया !
छोटेसे दिमाग वाले मच्छर और खटमल भी अचंभित रह गये !
ऐसी भयंकर करतूतें देखकर !
बच्चे : - ( कुतुहल से )
मैडम फिर ?
मैडम : - फिर क्या ?
ईश्वर को यह भयंकर अत्याचार सहा नहीं गया !
बच्चे : - फिर ?
मैडम : - फिर क्या ?
ईश्वर ने एक देवदूत को भेज दिया ! राक्षसी राज्य का सफाया करने के लिए !
बच्चे : - और ?
मैडम : - और क्या ?
आज हमारे स्कूल का समय समाप्त हुवा ! बाकी बची हुई कहानी कल !
बच्चे : - मैडम कल स्कूल को छूट्टी है !
मैडम : - तो परसों !
बच्चे : - और हमारा बक्षीस मैडम ?
मैडम : - 🤦♀️
( और स्कूल के छूट्टी की बेल शिपाई द्वारा बजाई गयी...
टन् टन् टन् टन्
और बाकी कथा ?
परसों स्कूल खोलने के बाद !
तबतक ?
हरी ओम्
🙏🙏🙏🚩
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