हिंदुओं को ठोको

 हिंदुओं को ठोको...

✍️ २१६१


विनोदकुमार महाजन

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बहुत बुरा लगता है ना यह पढकर ! और आश्चर्य भी लगता है ना ?

मगर,

बहुसंख्यक हिंदुओं के देश में रहकर, हिंदुओं के मंदिरों के पैसों से पलकर....

हिंदुओं को ठोकना बहुत आसान सा हो गया है अब !


आखिर न्याय नाम की चिज है या नहीं इस देश में ? न्याय कहाँ है न्याय ?


अभिव्यक्ति की आजादी सभी को है ! बोलने की,लिखने की भी ! धर्म ग्रंथों को जलाने की भी !

मगर हिंदु अगर कोई बोलता, लिखता है...

तो...???

तुरंत गुनहगारों के पिंजड़े में खडा किया जाता है !

वाह रे लोकतंत्र की परिभाषा !


हमारे आस्था, भक्ति ,श्रद्धा के साथ खेलो...कोई बोलेगा नही !

हमारे ईश्वर के प्रती प्रेम को ठोको...कोई कार्रवाई नहीं !


मगर,

रामदेव बाबा हिंदुत्व पर अगर दो शब्द बोलते है तो...?

कानूनी अपराध !

सुरेश चव्हाण के हिंदुराष्ट्र कि शपथ लेते है तो...?

कानूनी अपराध !

सरसंघचालक मोहन भागवतजी पंडित शब्द बोलते है तो...?

कानूनी अपराध !

बागेश्वर धाम सरकार के धीरेंद्र शास्त्री कुछ बोलते है तो...?

कानूनी अपराध !


और मोदिजी ?

मोदी का तो नाम भी मत लो !

अगर मोदीजी देश का विकास करें...?

तो भी बुरा मोदी !

मोदिजी देशविदेशों में भारतीयों की शान बढायें...?

तो भी बुरा मोदी !

मोदिजी संस्कृति संवर्धन की बात करें तो...?

मोदी और बुरा... भयंकर बुरा !


और मोदिजी, योगीजी, अमीत शाहजी जैसे महानायकों को बुरा कहनेवाले जादा संख्या में कौन ?

हमारे, अपने...

हिंदू...

नतद्रष्ट हिंदु !


" इधर - उधर "

भटकने वाले !

संस्कार, संस्कृति, देशाभिमान के विपरीत चलनेवालों का साथ देनेवाले !

जी - जान से साथ देनेवाले !


तथ्यहीन निधर्मीवाद - समाजवाद - साम्यवाद के पिछे दौडने वाले !

और खुद का,खुद के संस्कृति का ?

सर्वनाश करनेवाले !

आत्मघातकी !


अफगानिस्तान गया,मँनमार गया,पाकिस्तान गया,बांग्लादेश गया...और भी अनेक पवित्र भूमि को छोडऩे वाले...भागनेवाले...

सामर्थ्य विहीन, शक्ति विहीन...

और...???

आपस में लडलडकर समाप्त होनेवाले...

तेजोहीन...

लाचार...

हिंदु !


दुर्देव...!!!


तेज:पूंज ईश्वरी संस्कृति को भुलाने वाले !

अंदर का धधगता ईश्वरी तेज भुलनेवाले !


ठोको हिंदुओं को ठोको !

चारों तरफ से ठोको !

ना कोई कानूनी कारवाई होगी !

ना ऐसे भयंकर अपराध पर न्यूज चैनल वाले कुछ बोलेंगे !

न्यूज चैनल वाले भी हिंदुओं के खिलाफ ही जहर उगलेंगे !दिनरात जहर उगलते रहेंगे !


वा रे वा !


अरे क्या चल रहा है इस देश में ?

आखिर हिंदु होना भी कोई अपराध है इस देश में ?


हमारे देवीदेवताओं का कोई भी चाहे कितना भी बडा मजाक उडाये ,अपमान करें!

कोई कुछ बोलेगा नही !

हमारे धर्म ग्रंथों को कोई भी मनमानी से जलाएं !

कोई कुछ बोलेगा नही !


दिनदहाड़े हिंदुओं के साथ भयंकर अत्याचार हो रहे है !

हमारे आदर्शों पर हमले हो रहे है !

हमारे आदर्श सिध्दांतों पर हमले हो रहे है !

हमारे संस्कृति पर चौतरफा हमले हो रहे है !


और....?

इतना भयंकर अन्याय, अत्याचार होने के बाद भी हिंदु???

मौन और शांत ?

स्वाभिमान नाम की चिज ही मर गई है !

आत्मसंन्मान नाम की चिज ही रही नहीं है !

देश के इधर - उधर के कोने में थोड़ा बहुत विरोध होता है !

और मामला ?

रफादफा !

ठंडा !

चार दिन में...?

फिर मरे हुए मन से जीवन का आरंभ !


ना अपमान के प्रती क्रोध है

ना पुर्वजों के अत्याचारों के प्रती खेद है !


और...??

चौतरफा आक्रमणकारियों के नाम...

गली,गाँव, शहरों को !

और हम ?

सदैव मुर्दाड मन से जीनेवाले...

तेजोविहीन,चैतन्यविहीन...

मरे मन से जीनेवाले...

जींदा लाशें !


और...?? और क्या ???

हिंदु आपस में लडने में माहिर !

जातीपाती  में लडने में माहिर !

अरे बंद करो ये आपस में लडना, झगडना !

बंद करो यह तमाशा !


यह संत मेरे जाती का !

वह संत तेरे जाती का !

ईश्वरी कार्य करनेवाले, मानवता को,ईश्वरी सिध्दांतों को जिवीत रखनेवाले... संतों का भी बँटवारा !


हाय रे कर्म !


इसी आपसी लडाई झगड़े से ही

भयंकर हानि हो रही है हमारे धर्म की !


जबतक संगठित और एक नहीं होंगे, आपसी लडाई झगड़ा नहीं बंद करेंगे, तबतक हमारे साथ,हमारे धर्म - संस्कृति के साथ, हमारे महापुरुषों के साथ...अन्याय अत्याचार होते रहेंगे !


दूसरी महत्वपूर्ण बात...

सहिष्णु बनकर हम कबतक भयंकर अन्याय, अत्याचार सहते रहेंगे ?


हमें,हमारे आदर्शों को,हमारे सिध्दांतों को,हमारे महापुरुषों को ,हमारे आदर्श धर्म ग्रंथों को,चौतरफा ठोका जा रहा है !

और हम ?

मौन,शांत और निद्रीस्त !


इसिलिए साथीयों,

अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद तो करनी ही पडेगी !

जोश से नहीं पूरे होश से लडाई लडनी पडेगी !

कानून हाथ में लेकर नहीं, बल्कि कानून के दायरे में रहकर लडाई लडनी पडेगी !

न्याय के लिए संघर्ष करना पडेगा !

ठंडे दिमाग से और शांती से क्रांति की मुहर लगाकर परिवर्तन लाना होगा !


ऐसा परिवर्तन लायेंगे की,

कोई हमारे धर्म के खिलाफ, हमारे संस्कृति के खिलाफ, हमारे आदर्शों के खिलाफ, हमारे देवीदेवताओं के खिलाफ, हमारे महापुरुषों के खिलाफ, हमारे साधुसंतों के खिलाफ, हमारे धर्म ग्रंथों के खिलाफ कोई कुछ भी ना बोल सके,और ना ही कोई साजिश कर सके !

बहुसंख्यक समाज में रहकर किसी की हिम्मत नहीं होगी ऐसा करने की...

ऐसे सख्त और कठोर कानून ही बनाएंगे !


मंजूर ?

तो चलो उठो संगठित हो जाओ !

भगवे ध्वज के निचे एक हो जाओ !

यही एकमेव, एकमात्र और रास्ता हमारे पास बचा है !

वह भी वायुगती से !

तेज गती से एक होना होगा !

जी हाँ साथीयों !


हमारी, हमारे आदर्शों की रक्षा अब हमें ही करनी पडेगी !


शक्तिशाली संगठन शक्ति बनाकर !

जातीय विद्वेष भुलकर !

एक होना ही पडेगा !


यह हमारे अस्तित्व की लडाई है !

सावधान होकर एकेक कदम आगे बढना होगा !


तो...?

साथी हाथ बढाना !

एक अकेला थक जायेगा,

मिलकर बोझ उठाना !

साथी हाथ बढाना साथी रे !


देश के और संपूर्ण विश्व के केवल और केवल दस प्रतिशत मानवताप्रेमी, ईश्वरप्रेमी,संस्कृति प्रेमी अगर मेरे पिछे संपूर्ण शक्ति से खडे हो जायेंगे...

तो...?

मैं राष्ट्रीय तथा वैश्विक लहर लाने में सक्षम हूं !

आप सभी का प्रेम और सहयोग प्राप्त होगा, ऐसी आशा करता हूं !

हरी ओम्


जय हिंद

वंन्दे मातरम्


🙏🕉🚩🚩🚩

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