हर घर में...

 हर घर में...

✍️ २४००


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लगभग हर एक घर में

ईश्वरी गुणसंपन्न व्यक्ति

रहता है !

उसको जितना भी

प्रेम देंगे...

उस घर में दिनप्रतिदिन

हर क्षेत्र में अधिकाधिक

प्रगति होती ही

रहती है !

ईश्वर उस घरपर हमेशा

प्रसन्न रहता है !


और उल्टा उसकी 

गुणसंपन्नता न पहचानते हुए

उसे अपमानीत , प्रताडित

किया जाता है

उस घर की भयंकर

दूर्दशा हो जाती है !

और ईश्वर भी रूष्ट

हो जाता है !


सत्पुरुषों को पहचानो !

उसकी कीमत करो !

उसे स्वर्गीय प्रेम दो !

उसकी पूजा मत करो ,

मगर...हो सके तो...

उसका हमेशा संन्मान करो !

कम से कम उसे

अपमानीत मत करो !!


जय श्रीकृष्ण !!


🕉🕉🕉🕉🕉


विनोदकुमार महाजन

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