दुष्ट

 साँपों पर चाहे कितना भी

प्रेम करो , वह तो डसेगा ही

ठीक ऐसे ही , दुष्टोंपर चाहे

कितना भी प्रेम करो वह तो

धोखा ही देगा !

जय श्रीराम !!


विनोदकुमार महाजन

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