ईश्वर

 तुम्हारा भाग्य बदलने के लिए स्वयं ईश्वर तुम्हारे दरवाजे पर रूप बदलकर आ जाता है , मगर अगर

वही ईश्वर रूठकर वापिस चला जाता है तो ? लौटकर

वापिस कभी भी नहीं आता है ! रामकृष्णहरी !!


विनोदकुमार महाजन

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