दोस्ती इम्तिहान लेती है
*एक सच्चा दोस्त चाहिए ?*
✍️ २६९२
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दोस्त....
दिल की गहराई का सच्चा रीश्ता !
सुखदुख बाँटने का सही ठिकाना !
मगर ?
इसके लिए दोस्त चाहिए पक्का , सच्चा , नेक और निष्पाप प्रेम करनेवाला !
क्या आज के जमाने में मिलेगा ऐसा दोस्त ? जो दिल की गहरी जख्म का भी सहारा बन सके !?
एक पुरानी कहावत है...
जो मेरे दादाजी मुझे हमेशा कहते थे....
" आँस का बाप....
निरास की माँ....
होते की बहन....
जोरू साथ....
पैसा गाँठ....
और....?
निदान का दोस्त ! "
इसका विस्तार से अर्थ तो किसी अगले लेख में लिखुंगा !
मगर....
" निदान का दोस्त ! "
इसपर आज गहराई से लिखुंगा !
हर एक को दोस्त चाहिए !
एक सच्चा साथी !
सुखदुख में साथ रहनेवाला !
हर समय सच्ची सलाह देनेवाला !
सदैव निष्पाप प्रेम करनेवाला !
तुमको , मुझको ...सबको !
अगर मुसिबतों के क्षणों में हमारा सबकुछ बरबाद हो गया तो भी ?
ऐसे संकट की घडी में , मुश्किल समय में ,
बडे विश्वास के साथ , बडे प्रेम से हमारे कंधे पर हाथ रखकर कह सके....
" दोस्त....
भलेही तेरा सबकुछ जलकर राख हो गया हो....
मगर फिर भी तु जींदा है ना ? बस्स् और चाहिए ही क्या ?
फिरसे नई दुनिया बना देंगे !
हिम्मत ना हार मित्र !
मैं हूं ना तेरे साथ ? "
और मुसीबतों के क्षणों में हौसला भी बहुत मौलिक होता है.... मेरे मित्र !
बस्स्.... हौसला बढाने वाला एक सच्चा दोस्त चाहिए !
बचपन के मेरे अनेक दोस्त , मेरे अनेक संगीसाथी आज भी मुझे याद आते है....
जो खुलकर दिल की बात करते थे !
सुखदुख में आधार बनते थे !
हँसी मजाक से , हँसते हँसते दुखों पर बडे प्यार से मल्हम लगाते थे !
मित्र के साथ क्या नहीं बोलते है ? सबकुछ !
आर्थिक परेशानियां , विवाद , जीवन की मजबुरीयां , अनेक परेशानियां....!
सबकुछ बडे ही प्यार से और आनंद से बाँटते थे !
एक दूसरे का सहारा , आधार बनते थे !
वहीं हँसीं मजाक , वहीं ठहाके लगाकर खूब हँसना , वहीं दोस्तों के साथ बिताया हुवा अनमोल जीवन ?
कैसे भूल सकता हूं ?
कौनसा विषय ना था ?
जो दोस्तों के साथ साथ बताते नहीं थे ?
समय गुजर गया !
दोस्त बिखर गए !
बस्स्.... उनकी याद बाकी रह गई !
आज भी फिरसे ऐसा लगता है कि , ऐसे दोस्त चाहिए !
जिसपर बडे प्रेम से , बडे विश्वास से दिल की बात रख सकूं ? मन की सारी भडास निकाल सकूं ?
और....?
वह दोस्त....?
फिरसे....
कंधे पर हाथ रखकर , बडे प्रेम से कह सकें....
" चींता मत कर....सबकुछ ठीक होगा ! "
क्या मिलेगा ऐसा दोस्त ?
निदान का दोस्त ?
जो ह्रदय के गहरे जख्म को जान सकें ? और ऐसे गहरे जख्म पर बडे प्रेम से और आराम से , मल्हम भी लगा सके ??
क्या आप मेरे मित्र बन सकेंगे ? जो दिल की गहराई को और गहरी पीडा , दुखदर्द को जान सकें ?
आज के जमाने में दोस्त भी सचमुच में ऐसे मिलेंगे....?
जो केवल....
मलाई की ही अपेक्षा करेंगे ?
मलाई खतम् , दोस्ती भी खतम्....?
ऐसे दोस्त किस काम के ?
दोस्ती पर अनेक किताबें लिखी गई !
इसी विषय पर , मराठी , हिंदी , अंग्रेजी जैसी
अनेक भाषाओं में फिल्में भी बनाई गई !
अनेक रिकॉर्ड ब्रेक गाने भी बन गए !
वह राजकपूर , राजेंद्र कुमार का संगम सिनेमा , धर्मेंद्र जीतेंद्र , बच्चन धर्मेंद्र जैसे अनेक टाँपमोस्ट फिल्मस्टारों के टाँपमोस्ट फिल्में और आज भी सदाबहार वहीं दोस्ती के अजरामर गीत....
जबान पर आते रहते है !
आज के भयंकर भागदौड़ के जमाने में , मतलबी दुनिया में , पैसों की खनखनाहट में सचमुच में ? सच्चे दोस्त मिलना ? असंभव है !?
अगर दोस्ती करनी है तो ?
गहराई से निभाई जायेगी ऐसा पक्का वादा चाहिए !
दोस्ती इम्तिहान लेती है....?
दोस्त हो तो ?
कृष्ण सुदामा जैसा !
प्रेम हो तो राधाकृष्ण जैसा !
जय श्रीकृष्ण !!
👍👍👍👍👍
*विनोदकुमार महाजन*
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