हँसते खेलते, हम जितेंगे

 मस्त रहेंगे, खुश रहेंगे।

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मस्त रहेंगे, खुश रहेंगे।

हँसते रहेंगे, गाते रहेंगे।

हँसते गाते,

मंजील की ओर बढते रहेंगे।

दिव्य मंजील हासिल करके,

मानवदेह का सार्थक

करेंगे।

प्यार से दुनिया जितेंगे

हँसते खेलते

हम सभी एक होकर,

शक्तिशाली विश्व संगठन बनायेंगे।

अंदर का चैतन्य जगाएंगे।

विश्व में भी चैतन्य

लायेंगे।

"विश्व क्रांती"के लिए,

"हिंद फौज"बनाएंगे।

विश्व के सभी मानवतावादियों को,

सत्यवादियों को,

सत्य सनातन के सभी

विश्व के प्रेमियों को

एक धागे में

पिरोयेंगे।

सभी की अंतरात्मा 

की आवाज हम

जगायेंगे।

प्रेम से दुनिया हम

हिलाएंगे।

"विश्व विजेता हिंदु धर्म"

बनाकर 

विश्व पर ईश्वरी राज्य

लायेंगे।

कुदरत का कानून बनायेंगे।

सच्चाई की जीत,

हँसते खेलते हम सभी

मिलकर,

करके रहेंगे।

आज का संकल्प हम

सिध्दी तक

पहुचायेंगे।

हरी ओम,हरी ओम की गूँज अब हम

हँसते खेलते,

नाचते गाते,

दुनियाभर में पहुचायेंगे।

हमारी मंजील अब

हम सभी पाके रहेंगे।

प्रभू ने दिये हुवे

नरदेह का सार्थक

हम करके रहेंगे।

सभी के अंतरआत्मा की

ज्योत हम जगाके रहेंगे।

ज्योत से ज्योत

जगाके रहेंगे।

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--  विनोदकुमार महाजन।

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