सुखी बनने का मंत्र
सुखी बनने का मूलमंत्र !
मस्त रहेंगे, स्वस्थ रहेंगे !!
✍️ २२३३
विनोदकुमार महाजन
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हास्यमुख चेहरा,
आनंदी चेहरा,
प्रसन्न चेहरा, तेजस्वी चेहरा,
सभी को निरंंतर प्रेरणा देता रहता है !
सभी को आनंदित करता रहता है, दूसरों के दुखदर्द में आधार बनकर रहता है !
और दुर्मूख चेहरा, दुखी चेहरा,
कष्टदायक चेहरा, हमेशा दूसरों को भी,दुखी करता रहता है !
इसिलिए, जहाँ जायेंगे वहाँ पर,
मस्त रहेंगे, स्वस्थ रहेंगे !
हँसते खेलते मस्त जियेंगे !
खुद हँसते रहेंगे,दूसरों को भी हँसाते रहेंगे !
दूसरों के दुखदर्द में आधार बनकर, उसका भी चेहरा,
मस्त,स्वस्थ, आनंदी बनायेंगे !
हर एक के चेहरे पर, हँसी खुशी देखेंगे !
खुशियों से नाचेंगे, झूमेंगे, गायेंगे !
खुद सुखी बनेंगे ! दूसरों को भी सुखी बनाएंगे !
ईश्वर का गुणगान करते करते,
ईश्वर का सुंदर भजन गाते गाते,
दूसरों के जीवन में भी,
सुखों की, खुशियों की बहार लायेंगे !
पशुपक्षीयों से भी बातें करेंगे !
उनको भी प्रेम बाटेंगे !
प्रेम का सागर बनकर, दुनिया का भी दुखदर्द हरायेंगे !
स्त्री हो या पुरूष, बुढा हो या नौजवान !
बच्चे जैसा मन बनाकर,
सच्चे प्रेम से दुनिया जीतेंगे !
प्रभुचरणों में जीवन समर्पित करके,
प्रभु का कार्य आगे बढायेंगे !
खुद सुखी रहेंगे, दूसरों को भी सुखी बनायेंगे !
हँसते खेलते, नाचते गाते,
सत्य सनातन का महत्व भी सारी दुनिया को बतायेंगे !
।। हरे रामा हरे रामा,रामा रामा हरे हरे ।।
।। हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे ।।
हरी बोल ! हरी बोल !
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