२४ का रणकंदन !

 राष्ट्रप्रेमीयों,षड्यंत्रों से सावधान रहिए !!!

✍️ २२४१


विनोदकुमार महाजन


¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿


साथीयों,

मैंने इससे पहले कुछ लेखों में बारबार यह लिखा था की,

२०२४ तक राष्ट्रद्रोहीयों द्वारा अनेक षड्यंत्र किए जायेंगे ! और उसमें राष्ट्रप्रेमीयों को फँसाने की कोशीश की जायेगी !


मेरे लेख में मैंने एक वाक्य लिखा था,

" हर शाखपर उल्लू बैठा है,हमें उल्लू बनाने के लिए ! "

उत्तर प्रदेश की ताजा घटना इसका प्रमाण है !


इसके साथ मैंने यह भी लिखा था की,

" हर कदम हमें फूंकफूंककर चलना है ! अखंड सावधान रहकर, शक्तिशाली, तगडी रणनीती बनाकर,सभी चक्रव्यूहों का भेदन करके,हैवानियत को हराना है ! "


मैं मेरे लेख हमेशा सांकेतिक भाषाओं में ही इसीलिए लिखता हूं की,मेरे खिलाफ कोई षड्यंत्र ना करें ! 

" साँप भी मरें ,और लाठी भी ना टूटे ! " ऐसी तगडी रणनीति बनाकर ही हमें आगे बढना होगा !


हम सभी राष्ट्रप्रेमी बिल्कुल सौ प्रतिशत सुरक्षीत भी रहे , और 

" राष्ट्रद्रोहियों का ,संपूर्ण बिमोड भी हो ! "

ऐसी अभेद्य रणनीति बनानी पडेगी !

अगर हमें चौतरफा केवल जीत ही हासिल करनी है तो,

" हर कदम हमें कृष्ण निती,कौटिल्य निती के अनुसार ही " हर कदम आगे बढाना होगा !


" समुद्र मंथन का यह समय चल रहा है ! "

इससे निकलनेवाला अमृत 

" राक्षसों के हाथों में नहीं जाने देना है ! "


समुद्र मंथन में " राक्षसों की " हार तो होगी ही ! मगर रणकंदन भी भयावह होगा !

क्योंकि " सूर - असुरों " के लिए, यह आखिरी और अंतिम रणकंदन है !

इसी विजयपर संपूर्ण वैश्विक राजनीति तथा भविष्यकालीन अनेक रणनितीयाँ बनानी तय है !


" इसीलिए किसी भी हालत में ..." हमें २४ " जीतना ही है ! "

" जीतना ही पडेगा ! "

यशस्वी और तगडी रणनितीयों द्वारा ???????


"¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ "


उल्टा सवाल ?

उल्टा जवाब ??


( नहीं समझेंगे ! बुध्दीचातुर्य और बुध्दी का वरदान चाहिए इसके लिए ! )


कल की उत्तर प्रदेश की घटना बिल्कुल उल्टी, सर चकराने वाली,अघटित ही हो गई ना ?


सभी देशवासियों को क्या लग रहा था ?

बिल्कुल उल्टा ही सोच रहे थे ना ?

मगर वास्तव में कितनी " उल्टी खोपड़ी और उल्टी चाल "...

निकली " उनकी ? "

" फँसाने की ? "


यह चक्रव्यूह था !

ऐसे भी अनेक चक्रव्यूह बनाये जायेंगे !

" चक्रव्यूह भेदन " करना पडेगा !

" यश खिंचकर " लाना पडेगा !


यह अत्यंत गर्भित अर्थ का लेख है ! समझने वाले ही समझ सकेंगे !


सोशल मीडिया पर, इसी विषय पर उल्टी ( ¿ ) चर्चा चल रही थी ! तभी मैंने सभी को सचेत किया था...

" यह फँसाने का भयंकर षड्यंत्र रचाया गया है ! "


समझो,जानो,जागो !

सभी षड्यंत्रों का भेदन करके, केवल और केवल यशस्वीता ही हासिल करनी है तो...?


हर एक को " भगवान श्रीकृष्ण "

बनना ही पडेगा !

उसकी रणनितीयों पर ही चलना होगा !

केवल और केवल 

" वहीं रणनीति !!! "

" हमें ....हम सभी को....! "

यशस्वीता की ओर ले जा सकती है !


समझने वाले समझ गये !

ना समझे वो अनाडी है ?

( ¿¿¿ ) 

सावधान !

अखंड सावधान !!


हितशत्रु भयंकर शातिर दिमाग का है !

साजिशें भयंकर गहरी है !!

गहरे पाणी में उतरकर ही जीतना होगा !!!

पग पग पर हितशत्रुओं का जाल है !

२४ तक जाल,साजिश, षड्यंत्र बढता जायेगा !

इसका भेदन करके ही आगे निकलना है !


और ? यशस्वी भी होना है !

" अंतिम मकसद तक भी "

पहुंचना है !

अगर इरादे है हमारे बुलंद,

तो सारी दुनिया में, हमें कौन रोक सकेगा ?


हर हर महादेव !

जय श्रीराम !

हरी ओम् !


सभी को प्रणाम !!


🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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