नवरंगों की बरसात !
नवरंगों की बरसात !!
✍️ २२३५
विनोदकुमार महाजन
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( मेरे हिंदुत्ववादी,आध्यात्मिक, सामाजिक, राजकीय, वैश्विक, विविध विषयों के,हजारो समाजजागृती के लेख पढने के लिए, विश्व का हर हिंदु, हर मानवताप्रेमी अपने मोबाईल में,मेरे लेखों की दोनों वेबसाइट, सुरक्षित करके रखिए )
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दुनिया के अनेक रंग,
अनेक रूप !
ईश्वर ने भी कमाल की दुनिया बनाई है !
अनेक रंगी,अनेक ढंगी !
अजब गजब की दुनिया !
अजब गजब की दुनियादारी !
ईश्वर के भी अनेक रंग,अनेक रूप !
साकार भी,निराकार भी !
अनेक अवतार भी,अनेक आकार भी !
नवरंगो की दुनिया !
वैसे तो नौ अंक का महत्व भी विशेष रहता है !
नवरंग, नवरस,नवदुर्गा, नवनाथ,
नवनाग,नवग्रह, नवरात्रि...
इत्यादि !
भगवान श्रीराम का जन्म,
नौमी का !
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी का !
अष्टमी का जन्म होकर भी,श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में, अनेक रंगों की बरसात करके,अवतार कार्य पूर्ण किया !
और श्रीराम नौमी के होकर भी,शुध्द, सात्विक भाव से आजीवन कार्य करते रहे !
दोनों ही विष्णु का अवतार !
दोनों के जीवन का उद्देश्य, उन्मत्त, उन्मादी राक्षसों का संहार करके,सत्य की पुनर्स्थापना करना !
दोनों के कार्य सफलता के रास्ते अलग !
अब नवरंगों पर आते है !
आज अगर हमें,
संपूर्ण विश्व पटल पर,
सत्य की,सत्यवादीयों की,सत्यसनातन धर्म की,
वैश्विक हिंदु धर्म की,
जीत करनी है तो...
हरेक को,हर हिंदुत्ववादियों को,
नवरंगों से एकरूप होकर कार्य करना पडेगा ! कार्य आगे बढाना पडेगा !
केवल आध्यात्मिक मार्गों से जाकर ही,कार्य सफल बनाना,
आज की,चित्र विचित्र दुनियादारी में,नवरंगों की दुनिया में...मेरे वैयक्तिक दृष्टिकोण से, असंभव लगता है !
अनेक रंग, अनेक ढंग,अनेक रूप धारण करके,वैश्विक मानवसमुह को,हिंदुत्व का और सत्य सनातन धर्म का महत्व समझाना होगा !
जैसे ?
आध्यात्मिक मार्गों से जाकर,
धर्म ग्रंथों का प्रचार प्रसार, अनेक भाषाओं में कथा,किर्तन, विश्व के कोने कोने में...
यज्ञ याग ,होमहवन तो करने ही पडेंगे !
रास्ता भटकने वालों के लिए,
" शुध्दीआंदोलन " , का यशस्वी पर्याय भी अपनाना होगा !
अनेक देशों में, गुरूकुल आरंभ द्वारा, भारतीय संस्कृति को,विश्वपटल पर,पुनर्जिवीत भी करना होगा !
गौमाताओं के आक्रंदणों से और श्रापों से पृथ्वी माता को और संपूर्ण मानवसमुह को,मुक्त करने के लिए, विश्व के कोने कोने में, गौमाता संरक्षण तथा संवर्धन द्वारा, कार्य तेज करना होगा !
केवल गौमाताओं के आशिर्वाद से ही,संपूर्ण मानवसमुह, अनेक भौतिक तथा आध्यात्मिक सुखों की ओर,तेजिसे बढ सकता है !
इसके लिए विस्तृत प्रयास की सख्त जरूरत है !
अगर हमारे वैश्विक क्रांति अभियान तथा चेतना जागृती अभियान द्वारा, संपूर्ण पृथ्वी का, कायाकल्प करने के लिए...
अगर...
मोदिजी, योगीजी, अमीत शाहजी जैसे महात्मा, पुण्यपुरूष आगे आकर, हमें संपूर्ण सहयोग प्रदान करते है तो...
मुझे नहीं लगता है की,
हमारा वैश्विक कार्य अधूरा रह जायेगा !
हमें जरूरत है, हमारे इस अभियान को,मोदिजी, योगीजी, अमीत शाहजी तक पहुंचाने की !
आध्यात्मिक मार्गों से जाकर सामाजिक क्रांति की अपेक्षा करना तो रास्त भी है और संभव भी है !
मगर इसके साथ ही,
नवरंगों को धारण करके,
कार्य को और तेजिसे आगे बढाया जा सकता है !
कैसे ?
अनेक जागतिक भाषाओं में,अनेक लेखकों द्वारा, सुसंस्कृत समाज निर्माण के लिए, प्रभावी किताबें लिखना !
टिवी चैनलों द्वारा, अखबारों द्वारा, विचारों का प्रचार - प्रसार करना !
अनेक भाषाओं में आध्यात्मिक, सामाजिक फिल्मों का निर्माण करना !
यशस्वी कथा,पटकथा, संवाद, गीतलेखन,गायन, अभिनय, संगीत, फोटोग्राफी, दिग्दर्शन, निर्मीती द्वारा, समाज परिवर्तन की लहर निर्माण करना !
अनेक भारतीय कलाओं का पुनर्जिवन करना ! और हर कला का उपयोग भारतीय संस्कृति को पुनर्जिवीत करने के लिए ही ,स्थापित करना !
समाज में छिपे हुए,अनेक
प्रतिभासंपन्न व्यक्तियों को,महात्माओं को ढूंडना और उन्हें अग्रेषित करना !
उन सभी को प्रोत्साहन देकर, उन सभी का गौरव करके, विश्व पटल पर उन्हें और उनकी प्रतिभा को स्थापित करना !
इसीलिए साथियों,
नवरंगों की बरसात करते करते ही,हमें,हम सभी को आगे निकलना होगा !
सत्य का और ईश्वर निर्मित सत्य सनातन का प्रभाव, विश्व के कोने कोने में, पहुंचाना होगा !
कठिन कार्य को भी आसान बनाना होगा !
असंभव को भी संभव में बदलना होगा !
आपकी, हम सभी की तीव्र इच्छाशक्ति, ईश्वर का अलौकिक प्रेम और संपूर्ण सहयोग हमें...
क्या हमारे उद्दीष्टों में सफलता नहीं देगा ?
संयोग से,
मेरा जन्म भी,
नौमी का ही है !
अश्विन शुध्द नौमी !
नवदुर्गा की विशेष कृपा !
सिध्दीदात्री की भी विशेष कृपा !
खंडेनवमी और शस्रपूजन दिवस !
मेरे जैसे साधारण व्यक्ति को भी,मेरी - हम सभी की माता,
नवदुर्गा ने और साक्षात सिध्दीदात्री ने ,वैश्विक कार्य के लिए, प्रोत्साहित किया है...
और आप जैसे पुण्यपुरूषों का,सहयोग प्राप्त हो रहा है...
तो... ?
" असंभव भी कुछ रहेगा ? "
इसिलिए,
चलो नवरंगों की बरसात में,
हिंदुत्व का भगवा ध्वज,
विश्व के कोने कोने में पहुंचाते है !
हरी ओम्
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