अपेक्षित परिणाम मिलनेतक !

 अपेक्षित परिणाम ? मिलनेतक

डटे रहेंगे !!

✍️ २२४९


विनोदकुमार महाजन


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अपेक्षित परिणाम ?

कौनसे ?

हिंदुराष्ट्र निर्माण के !!

हमारे हौसले ही इतने शक्तिशाली और बुलंद होते है की,हम जीवन में कभी भी हार नहीं माननेवाले होते है !और प्रयत्नवादी हर भारतीय ( हिंदु ) प्रत्यक्ष नशीब को भी हरा सकते है !


हम रोनेवाले नहीं है, बल्कि अथक प्रयत्नवाद से जीतनेवाले ही है !


और अब हमारा अगला लक्ष है ,हमारे हर कार्यों में सफलता और अनेक उंचाईयों को प्राप्त करना !


और ? हिंदुराष्ट्र निर्माण यह हमारा अगला लक्ष है ! जो लक्ष हम जितना जल्दी हो सके प्राप्त करके ही रहेंगे !


एक शक्तिशाली तगडी रणनीति द्वारा, चौफेर अथक प्रयास ही हमें हमारी जीत की ओर ले जायेगा !


और संपूर्ण देश में अब ऐसा जीत का माहौल अब बन ही गया है !


देश का चप्पा चप्पा बोल रहा है,

हिंदुराष्ट्र बनाना है !

देश के कोने कोने से अब एक ही आवाज है,

हिंदुराष्ट्र बनाना है !


प्रतिकूल भाग्य को अनूकूल बनाने के लिए, हम प्रयत्नवाद के साथ साथ,प्रत्यक्ष ईश्वर को ही साक्ष रखकर, कठोर तपस्या द्वारा, प्रत्यक्ष ईश्वर को भी आमंत्रित करते है ! और जबतक अपेक्षित कार्यों के लिए, ईश्वरी वरदान प्राप्त नहीं होते है,तबतक हम हार नहीं मानते है !

क्योंकि हम जीवन में, कभी भी हार माननेवाले नहीं है !


और प्रत्यक्ष ईश्वर भी हमारे हौसले, इच्छाशक्ति और तपस्या देखकर, प्रसन्न मन से हमें सहयोग करता ही है ! पग पग पर हमें मार्गदर्शन और सहयोग भी करता है तो...निश्चित रूप से, हम हर क्षैत्रों में जीतकर ही रहेंगे !


उच्च कोटि की श्रद्धा, भक्ति, ईश्वर पर और उसके शक्तियों पर ,अतूट प्रेम ही हमें हमारे उच्चतम ,और अंतिम उद्दीष्टों तक ले जाता है !


संकल्प से लेकर,सिध्दीयों तक पहुंचने के लिए,हम चौतरफा प्रयत्नवादी ही रहने वाले है !


इसिलिए हिंदुराष्ट्र निर्माण के अपेक्षित परिणाम मिलने तक लगातार डटे ही रहते है !

कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढते रहते है !


इसिलिए संपूर्ण देश में भी और संपूर्ण विश्व में भी,

हिंदुराष्ट्र निर्माण का माहौल भी तेज गति से बनाते है !

और इसके लिए सहायक होनेवाला , २४ का रणसंग्राम भी जीतते है !


डटे रहो ! लगे रहो !


हिंदुराष्ट्र निर्माण का हमारा, हम सभी का सपना जल्दी ही पूरा भी होनेवाला है !


ईश्वरी वरदान प्राप्त व्यक्तियों को कौन हरा सकता है ?

और हम पैदा ही ऐसी महान, आदर्श संस्कृति में, सनातन वैदिक धर्म में हुए है की,जहाँ पर अनेक देवीदेवताओं का अवतरण हुआ है !

इसीलिए हम परमभाग्यशाली भी है !

ईश्वर ने ही हमें ऐसे महान सनातन धर्म में जन्म दिया है !


अब हम सब मिलकर,

हर एक का जोश, जल्लोष बढायेंगे !

हर एक की आत्मा जगाएंगे !

ठंडे दिमाग से शक्तिशाली रणनीति बनाकर, हरपल आगे आगे बढते जायेंगे !!


हमारे उद्दीष्टों में हम जीतकर ही रहेंगे !

उज्वल भविष्य हमारा इंतजार कर रहा है !


मुकद्दर का सिकंदर ऐसा हमें झूठा पढाया गया !

जो जीता वही सिकंंदर ऐसा भी हमसे झूठ रटवाया गया !


मगर हम तो खुद,

खुद के ही भाग्यविधाता है...

यह तो हमारे आदर्श देवता भगवान श्रीकृष्ण ने बताया है !

इसीलिए तो हम आदर्श भगवत् गीता का निरंतर पाठ करते आये है ! पीढी दरपिढी !! सालोंसाल !!! हजारों साल !!!


।। संभवामी युगे युगे ।।

यह हमारा विश्वास है !


हर हर महादेव !

जय श्रीराम !

हरी ओम्


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