अश्रुओं का मोल

 जहाँ हमारे अश्रुओं का

मोल नही है वह रिश्ता

जीवनभर के लिए

तोड दिजिए !!


विनोदकुमार महाजन

Comments

Popular posts from this blog

मोदिजी को पत्र ( ४० )

हिंदुराष्ट्र

साप आणी माणूस