मोदिजी को पत्र ( ६८ )

 खुद पप्पू और पप्पू का पूरा खानदान चोर है

इन चोरों ने सत्तर सालों तक गरीबों का खून चुसचुसकर पिया है
और बाते...?
संतों जैसी करते है
उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे

मगर यह मोदियुग है
जनता बहकावे में नही आयेगी
पप्पू और खानदान की असलीयत
जनता जानती है पहचानती है

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