हिंदुराष्ट्र

 *हिंदुराष्ट्र की माँग ?* 

 *उचित या अनुचित ??*

✍️ २४५०


 *विनोदकुमार महाजन* 

( अंतरराष्ट्रीय पत्रकार )


🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩


यह राष्ट्र हिंदूराष्ट्र बनना चाहिए या नहीं इस विषय पर आज विस्तृत चर्चा करते है !


क्या हिंदुराष्ट्र की माँग उचित है या नहीं ?


जी हाँ बिल्कुल उचित है !

कैसे ??

विस्तार से पढीये !

हिंदुराष्ट्र की अपेक्षा करनेवाले और विरोध करनेवाले भी !!


साधारणतः जिस समाज की आबादी जनसंख्या के आधार पर जादा होती है , उसी के अनुसार वहाँ की शासनप्रणाली और कानून व्यवस्था , उसी समाज के लिए पोषक होती है !


विश्व के सभी देश इसके प्रमाण है !

तो फिर हमारे देश की आबादी हिंदूओं की जादा है ! इसीलिए इसे हिंदुस्थान भी कहा जाता है !

इसी आधार पर प्रमाणित करते हुए यह हिंदुराष्ट्र ही है !

और उसी के अनुसार कानून व्यवस्था भी ऐसी ही और हिंदुहितों की ही अपेक्षित है !

मतलब उन्हीके संरक्षण की शासनप्रणाली ! और साथ में सभी धर्मीयों के लिए भी समान न्यायप्रणाली !


मगर आजादी के बाद , यह राष्ट्र निधर्मी घोषित किया गया ! ऐसा क्यों किया गया ? यह बात अब देखते है !


निधर्मी राष्ट्र कहने के लिए क्या यहाँ के लोग सचमुच ही निधर्मी होते है ? मतलब धर्माचरण नहीं करनेवाले ? या फिर धर्माचरण करके देवीदेवताओं को पूजनेवाले धार्मिक और सश्रद्ध होते है ?

अगर यहाँ का बहुसंख्यक समाज धार्मिक आचरण करता है तो यह निधर्मी राष्ट्र क्यों और कैसे बन गया ?


या फिर किसी उद्धीष्ट पूर्ति के लिए इसे जानबूझकर किसी भयंकर षड्यंत्र द्वारा इस देश को निधर्मी घोषित किया गया ?

अगर ऐसा है तो वह षड्यंत्रकारी कौन है ? पर्दे के पिछे का असली सूत्रधार कौन है ?

यह बात समस्त हिंदू और संपूर्ण भारत देश जानना चाहता है !


और अगर यह भयंकर षड्यंत्र है तो ऐसा विनाशकारी और केवल हिंदुओं के खात्मे का षड्यंत्र किसने रचाया ?

( शोधपत्रकारीता योग्य न्याय देगी ऐसी आशा रखता हूं ?? )


विशेषत: आजादी के बाद प्रधानमंत्री पद के लिए बहुमतों से किसी योग्यता पूर्ण व्यक्ति को चुन लिया जाता है...? 

मगर...?

उसी बहुमतों का अनादर करके केवल एक व्यक्ति के मतों के आधार पर कोई प्रधानमंत्री बनता है तो ? 

क्या यह लोकतंत्र है ? 

या लोकतंत्र की हत्या करके किसी धर्म को नेस्तनाबूद करने का षड्यंत्र रचा जाता है तो ?


 *इसका उद्देश्य क्या है ?* 


निधर्मीवाद के नाम पर हिंदुओं की समाप्ति का षड्यंत्र ?

यही अर्थ निकाला जा सकता है ?

और आज इसकी सटीक काट क्या है ?


और सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है की ,अनेक सालों तक एक ही और विशिष्ट घरानों द्वारा लोकतंत्र चलाया जाता है ? 

और जनता भी इसे अनेक सालों तक अनदेखी करती रहती है ? और गैरकानूनी तरीकों से सत्ता पर आसिन होनेवाले गैर लोगों को ही सत्ता पर बिठाती है तो ?


 *ऐसा भयावह षड्यंत्र समाप्त* *होना ही चाहिए !*


लोकतंत्र के नाम पर लोकतंत्र ही अनेक सालों तक कुछ परिवार द्वारा ....

 *हायजैक*

किया जाता है....

 *सत्यमेव जयते के* राज में

अगर सत्य ही मुसिबतों में फँस जाता है अथवा...

 *जय हिंद का फर्जी नारा*

लगाकर हिंदुत्व ही नामशेष करने की गुप्त रणनीति बनाई जाती है तो....?

ऐसे भयंकर लोगों के खिलाफ शक्तिशाली राष्ट्रीय जनआंदोलन खडा करना चाहिए !


सुभाषचंद्र बोस ,सावरकर , करपात्री महाराज , श्यामाप्रसाद मुखर्जी जैसे अनेक प्रखर राष्ट्रप्रेमियों के विरुद्ध भयंकर और अतीभयानक षड्यंत्र रचा जाता है तो...?

इसका जिम्मेदार कौन ?

और असली सुत्रधार कौन ?

यह जानना भी अत्यावश्यक होता है !


इतना ही नहीं तो

रामजी को भी कोर्ट में शपथपत्र देकर काल्पनिक बताना ,

रामसेतु तोडऩे की साजिश रचना , देवीदेवताओं को बदनाम करना , आदर्श धर्म ग्रंथों को और महापुरुषों को जानबूझकर बदनाम करना...

यह क्या दर्शाता है ?

हिंदुत्व को बदनाम करने की और दबाने की चारों ओर निती बनाना...

यह क्या दर्शाता है ?

और क्या यही असली लोकतंत्र है ? और उपर से...

 *लोकतंत्र खतरे में* के

नारे लगाकर बहुसंख्यक समाज को संभ्रमित करना...

यह सब क्या दर्शाता है ?


और जनता इस षड्यंत्र को पहचानती तक नहीं है...

उल्टा ऐसे लोगों को ही बहुमतों से सत्तास्थान पर बिठाती है..तो..?

वाकई यह लोकतंत्र ही है ?

देवीदेवताओं को ,आदर्श संस्कृति को बदनाम करनेवाले ही...

 *उल्टा चोर कोतवाल को डाटे* के अनुसार हमारे धर्म पर ही आघात करने लगे तो ?

इसकी अंतिम काट तो निकालनी ही पडेगी !


और...

 *हिंदुराष्ट्र का त्वरित निर्माण* 

यही इसकी अंतिम काट भी है !

और इसीलिए...

 *हिंदुराष्ट्र निर्माण की मांग* 

न्यायोचित भी है ! और यथोचित भी है !


और *आज्ञाचक्र में जाकर* 

देखते है तो ?

हिंदुराष्ट्र निर्माण कोई भी नहीं रोक सकता !

समय की भी यही रास्त माँग है !


और...

 *ईश्वर की भी यही इच्छा है !!* 

इसीलिए इसे अब कोई भी नहीं रोक सकेगा !


सभी भारतीय नागरिक इसका

 *संपूर्ण समर्थन करें और आगे की* 

रणनीति बनाएं !

इसी में ही सभी का कल्याण है !


 *हर हर महादेव !!* 


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