हिंदुओं को

 *हिंदुओंको जानबूझकर गरीब* *क्यों बनाया गया ❓*

✍️ लेखांक २५१५


 *विनोदकुमार महाजन*


🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔


हर हिंदू के लिए यह लेख अत्यंत महत्वपूर्ण है !

विशेषत: आर्थिक समस्याओं से निरंतर जूंझनेवाले हिंदुओं के लिए !


सोने की चिडिय़ा वाला यह भारत देश , जहाँ संपन्नता , समृद्धि कुटकुटकर भरी थी !

हर घर से सोने का धूवाँ निकलता था यहाँ !


तो ऐसा क्या हो गया कि हिंदुओं का आर्थिक स्तर आज निचे आ गया ?

सोने की चिडिय़ा वाला देश गरीब क्यों हो गया ?


इसका विस्तार से विश्लेषण का प्रयास इस महत्वपूर्ण लेख में किया गया है !


अनेक लुटोरें , आक्रमणकारियों ने , मुगल , अंग्रेज जैसे क्रूर अत्याचारीयों ने अनेक सालों न केवल यहाँ पर राज किया बल्कि अनेक सालों तक यहाँ का धन भी भरभरके लूटा !


इसके साथ ही यहाँ की संस्कृति बरबाद , नामशेष करने का प्रयास भी लगातार किया गया ! अनेक सालों तक यहाँ के मूल निवासी हिंदुओं का शारीरक ,मानसिक , आर्थिक सोशन किया गया !

परिणाम यह हुवा की हिंदू समाज केवल आर्थिक मुसिबतों ही नहीं फँसा बल्कि , धीरे धीरे संस्कृति शून्य भी बनता चला गया !


आजादी के बाद भी अनेक भ्रष्टाचारी , लुटेरों ने देश को , यहाँ की संस्कृति और सभ्यता को नामशेष करने का भयावह षड्यंत्र बनाकर हिंदुत्व पर ही प्रहार करने का प्रयास किया गया ! और भ्रष्टाचारियों ने भी देश को लूटकर परदशों में काला पैसा जमा किया !


देशवासियों का कमाई का पैसा लूटा !


विशेषत : अहिंसा नाम के भयंकर और विपरीत दुधारी शस्त्र ने तो यहाँ के समाज को चारों तरफ से अतीदुर्बल ,मृतप्राय , तेजोहीन , गलीतगात्र बनाया !

समाज मन की धारणा ही अत्याचारीयों के अत्याचार सहने की बनाई गई !

मूक और मौन रहकर !

भगवत् गीता का आचरण करनेवाला तेजस्वी समाज धीरे धीरे नंपुंसक बनाया गया ?


क्या यह भी एक भयावह षड्यंत्र ही था ? जो हिंदुओं के समझ में ही नहीं आया ?

और जब समझ में आया तब ?

समय हाथ से बाहर निकल चुका था !


हिंदू समाज को सामर्थ्यशाली बनाने वालों को भी भयानक षड्यंत्रों द्वारा बारबार समाप्त किया गया ???


कौन है परदे के पिछे का असली षड्यंत्रकारी ? असली गुनहगार ? जिसे हिंदुत्व का नामोनिशान ही इस देश से सदा के लिए मिटाना था ❓⁉


इतना ही नहीं तो ?

जातीपाती में भयंकर झगडा लगाकर समाज में संपूर्ण तबाही मचाने का भी प्रयास बारबार जारी रहा ?

आजतक !


और दूसरी ओर संस्कृति शून्य , अमानवीय , हिंसाचारी शक्तियों का सामर्थ्य बढाने का भी प्रयास गुप्त तरीकों से निरंतर जारी रहा ?


मूगल , अंग्रेज जैसे अत्याचारीयों द्वारा भी ? और आजादी के बाद भी ?


हिंदू समाज चारों तरफ से हीन - दीन - दुर्बल - लाचार - गरीब - आर्थिक दुर्बल - तथा संस्कृति शून्य बनाने का भयंकर कुटिल षड्यंत्रों द्वारा निरंतर प्रयास किया गया ?


जिसका परिणाम आज के भयंकर विनाशकारी अराजक में बदल गया ?

हिंसक समाज को निरंतर प्रोत्साहित करके , अहिंसक समाज का चारों तरफ से निरंतर दबाने का प्रयास किया गया ??


और असली सूत्रधार ❓

परदे के पिछे ?

आज भी ⁉

सर्वोच्च सत्तास्थान के लिए कुटिल राजनितीयाँ खेलकर सामाजिक सौहार्द समाप्त करने का प्रयास करते है ??


ऐसे अनेक कारणों से अन्याय ग्रस्त , हीन दीन समाज धीरे धीरे मृतप्राय होता गया !?

स्वाभिमान शून्य , चेतना शून्य बनता गया !?लाचार बनता गया !?


और आज ऐसी विदारक स्थिति बन गई की ,

हमारे धर्म पर , संस्कृति पर , हमारे आदर्शों पर , हमारे धर्म ग्रंथों पर , हमारे महापुरुषों पर , हमारे देवीदेवताओं पर , हमारे साधुसंतों पर कोई चाहे कितने भी चौतरफा हमले करें ❓इसका विरोध करने की शक्ति ही हमारे समाज में नहीं रही ⁉


बल्कि हमारे ही समाज के कुछ लोग हमारे ही आदर्शों की हँसी मजाक उडा रहे है ?

कितना विडंबन है ना ये ?


मेरे प्यारे साथियों ,

क्या मैं सही लिख रहा हूं ना ?

मेरे हजारों लेखों में मैंने इसका जीक्र किया है !


और आज मृतप्राय समाज में , चैतन्यशून्य समाज में फिरसे चैतन्य की लहर निर्माण करना आसान भी नहीं रहा है !?

और विशेष ध्यान देने योग्य तथा महत्वपूर्ण बात यह भी है की ,

अनेक उच्चपदस्थ तथा महत्वपूर्ण व्यक्ति भी इसी महत्वपूर्ण विषय पर ध्यान ही नहीं दे रहे है !?


अनेक जगहोंपर अपने ही लोगों द्वारा दुकानें बनाई है !? 

ऐसे लोग ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर थोडे ही ध्यान देंगे ?


जो थोडे बहुत सच्चे और प्रखर समाज सेवक है वह सभी अपने तरीकों से , अपने शक्तिअनुसार , मृतप्राय समाज में नवचैतन्य की लहर निर्माण करने का जी तोड प्रयास तो कर ही रहे है ! दिनरात मेहनत भी कर रहे है !


मगर दुर्देव से उन्हें भी जितना चाहिए उतना जनसमर्थन अथवा प्रतिसाद नहीं मिल रहा है , यह भी दुखपूर्ण तथा दुर्दैव पूर्ण बात है !

अपेक्षित साधनों की कमी के कारण यह लडाई गति नहीं पकड़ रही है !


इसिलिए अब संपूर्ण देश में

और संपूर्ण विश्व में भी ❓

नवचैतन्ययुक्त समाज निर्माण के लिए , तेजस्वी समाज निर्माण के लिए , 

चौतरफा राष्ट्रीय तथा वैश्विक महाक्रांति अभियान

और

सामाजिक चेतना जागृति अभियान आरंभ करना होगा !


ऐसा अभियान चलाने के लिए , जिनसे मुझे उच्च कोटि की अपेक्षा थी उनके द्वारा भी मेरा अपेक्षा भंग हो गया !

और सभी राष्ट्रप्रेमीयों का भी लगभग यही अनुभव है !


अब यह भी सोचने पर विवश हो रहा हूं कि , विदेशों में जाकर ही वहाँ के हिंदुप्रेमी व्यक्तीयों के सहयोग से ही अगली रणनीति बनाऊं ??


आखिर सुभाषचंद्र बोस , सावरकर , भक्तिवेदांत प्रभुपाद , स्वामी विवेकानंद जैसे अनेक महापुरुषों को भी परदेश से ही समर्थन प्राप्त हुवा ? 


" हमारे देश में किसीने भी संपूर्ण सहयोग नहीं दिया ? समर्थन नहीं किया ? "


आज भी ??


मगर फिर भी ,

सद्गुरु का वरदहस्त , ईश्वरी वरदान , संपूर्ण आत्मविश्वास , तीव्र और दृढ इच्छाशक्ति , द्वारा असंभव कार्य भी संभव में बदलेगा ऐसी आशा करते है ?

और शतगुणा शक्ती बढाकर , 

कार्य को गति देते है ?


हिंदू समाज में नवचेतना निर्माण करने के लिए तथा विश्व के कोने कोने में संस्कृति पहुंचाने के लिए

अपेक्षित साधनों की जरूरत तो लगेगी ही !


और साधनों की पुर्ती करने के लिए क्या ईश्वर भी स्वयं समर्थ भी है !?


सामर्थ्यशाली , बलशाली ,

सुसंस्कृत , संपन्न हिंदुराष्ट्र निर्माण के लिए , सभी की आर्थिक समस्याओं पर विजय प्राप्त करने के लिए , अब हम सभी को सख्त कदम तो उठाने ही पडेंगे !?


केवल आर्थिक संपन्नता ही नहीं तो संपूर्ण देश के तथा संपूर्ण विश्व में फैले हुए , समाज के हर घटक के जानमाल की सुरक्षा तथा संपूर्ण सुरक्षितता के लिए भी हमें एक शक्तिशाली और तगडी रणनीति बनानी होगी !


जैसे ?

आज कुछ संगठन हिंदुओं के लिए हेल्पलाइन चलाते है !

मगर इसका जरूरत मंदों के लिए फायदा ?

शून्य....


पाकिस्तान तो दूर की बात है !

पश्चिम बंगाल जैसे अनेक जगहोंपर भयावह हो रहा है !

फिर भी शासन नाही कुछ कर रही है ! और नाही कोई सामाजिक संगठन !


हिंदुओं की गरीबी हटाने के लिए , उनको तुरंत अनेक शासकीय योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ देने के लिए , मतदाता सूची , राशन कार्ड , दूसरी अनेक योजनाओं के लिए , मतदान के लिए , हर जगहोंपर एक मार्गदर्शन तथा सहायता केंद्र आरंभ करना चाहिए !

अन्यायग्रस्त , अत्याचार ग्रस्त व्यक्तीयों के लिए तुरंत संपूर्ण सहायता देने के लिए सहायता केंद्र , असली फोनकॉल सेंटर का निर्माण करना चाहिए !

योजनाबद्ध तरीकों से , विशेष यशस्वी रणनीति द्वारा और वायुगती से कार्य आगे बढाना होगा !


इसी विषय पर गति देने के लिए , हमारे देश में अनेक हिंदुत्ववादी संगठन होकर भी वह निश्क्रिय और निद्रीस्त क्यों ?


मार्गदर्शन का और योजनाओं का अभाव ?


आखिर कुछ तो भी करना होगा !


सोये हुए को जगाना है !

मुर्दों को भी नवचैतन्य देना है !

वैफल्यग्रस्त समाज को , दिशाहीन समाज को नवसंजिवनी देना है !


केवल पढो मत !

सक्रिय बनो !


कौन आयेगा आगे ???

सोचो !

सही लगा तो साथ दो !

नहीं तो छोड दो !


❓⁉❓⁉❓⁉


धर्म की जय हो कहने से कुछ नहीं होगा!

जमीनी तौर पर , धरातल पर रहकर , योजनाबद्ध तरीकों से कार्य आगे बढाना होगा !

और ?

सफल भी होना होगा !


हर बात में सरकार पर निर्भर रहना भी उचित नहीं होगा !


जय हिंदुराष्ट्र !!


वैश्विक कार्य के लिए धन की आपूर्ति करनेवाली , जगद्जननी , माता महालक्ष्मी की जयजयकार हो !!

जय श्रीकृष्ण !!


हरी ओम् !


हर हर महादेव !


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( भारत )


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