आत्मरक्षा
*हिंदू साथीयों,*
*आत्मरक्षा के लिए धैर्यवान* *बनो !*
✍️२५४४
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देशविदेश के मेरे प्यारे सभी हिंदू साथीयों तथा सत्यप्रेमी , मानवतावादी साथीयों ,
समय केवल आत्मचिंतन का नहीं है बल्कि प्रत्यक्ष कृती का है ! क्योंकि हमारे अस्तित्व का प्रश्न निर्माण हो गया है और भविष्य अंधकार मय दिखाई दे रहा है !
इसिलिए केवल संगठित होने से काम नहीं चलेगा बल्कि आक्रमक भी बनना पडेगा ! और क्रूर भी !
और साहसी और धैर्यवान भी !
देवीदेवताओं का ध्यान करो !
देवीदेवता केवल शक्तिशाली ही नहीं होते है बल्कि हर समय में आसुरी शक्तियों का विरोध तथा विनाश करने में भी सक्षम होते है !
और शक्तिशाली , बलशाली , संपन्न होकर भी , देवीदेवताओं के हाथ में हमेशा शस्त्र भी होता है !
केवल आसुरीक संपत्ति का विरोध ही नहीं बल्कि मुसिबतों की घडी में आत्मरक्षा भी महत्वपूर्ण होती है !
अब हमें भी देवीदेवताओं की तरह शक्तिशाली ,बलसंपन्न , धनसंपन्न तो बनना तो पडेगा ही !
साथ में चौबीसों घंटे सजग , सावधान भी रहना पडेगा !
और अधर्म का तथा अधर्मियों का हरपल डटकर सामना करने की हिम्मत भी रखनी चाहिए !
हम तो बडे दयालु ,सहिष्णु होते है ! मगर अब धर्म रक्षा के लिए , हमें केवल आक्रमक ही नहीं तो समय आनेपर क्रूर भी बनना पडेगा ! धैर्यवान बनकर आसुरीक संपत्तियों का डटकर विरोध भी करना पडेगा !
जी हाँ दोस्तों !
तभी हम बचेंगे !
हमारा सत्य ,हमारी धर्म ,संस्कृति बचेगी !
अन्यथा ?
केवल हिंदुस्तान से ही नहीं तो ,संपूर्ण धरती से ही नामशेष हो जायेंगे !
समय केवल कठिन ही नहीं चल रहा है , बल्कि महाभयानक समय आ गया है !
हिंदुत्व पर चारों ओर सुनियोजित हमले किए जा रहे है !
मगर अब हमें क्या करना होगा ?
साहसी बनकर , संगठित बनकर , सुनियोजित तरीकों से , शक्तिशाली रणनीति बनाकर , आक्रमक होकर , हिंदुत्व बचाना होगा !
देश में भी !
और संपूर्ण विश्व में भी !
हर हर महादेव !
विनोदकुमार महाजन
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