क्षमता

 *क्षमता* 

✍️ २५५४


अगर

तुम्हारे अंदर

कुछ कर दिखाने की क्षमता होगी , नया इतिहास बनाने की योग्यता भी होगी ,

और तुम्हारे प्रयास भी उसी दिशा में निरंतर और अथक जारी रखेंगे तो ?

निश्चित ही तुम्हारे भाग्य का सितारा एक दिन आसमान में जरूर चमकेगा ही चमकेगा !


फिर चाहे तो क्षेत्र कौनसा भी हो !


और ईश्वर भी तुम्हें तुम्हारे कठोर परीश्रम से प्रसन्न होकर उत्तुंग और भव्यदिव्य यशप्राप्ती का आशिर्वाद भी देता है तो ?

तुम्हें असंभव क्या होगा ?

और किसीको कुछ माँगने की भी क्या जरूरत होगी ?


अगर ईश्वर ही प्रसन्न होकर तुम्हें बिना माँगे बहुत कुछ , सबकुछ देता है , छप्पर फाडकर देता है तो ?

तुम्हारे जैसा भाग्यशाली कौन रहेगा ?


इसीलिए अथक प्रयत्नवाद , संयम , धैर्यशीलता धारण करके , अपने दिव्य मंजिल की ओर , हर एक कदम बडे हिम्मत से , आत्मविश्वास से आगे बढते रहेंगे तो ?


एक दिन तुम्हारे कार्य में जरूर यशस्वी ही होकर रहेंगे !

जिसका खुद ईश्वर ही है रखवाला उसका कार्य कौन बिगाडेगा ?


तो ???

हमारा ? हम सभी का ??

अंतिम मकसद क्या है ?


वायुगती से ?

हिंदुराष्ट्र का निर्माण

अखंड भारत

और

सनातन मय विश्व !!


क्या मेरे विचारों से आप सभी सहमत हो ?


बहुत सोचसमझकर उत्तर देना !

मुर्दे मन के और निराशावादी लोग इससे दूर ही रहना !


आखिर कुछ नया कर दिखाने की हिम्मत और क्षमता भी होनी चाहिए ना ?


 *भगवामय प्राण !* 

 *भगवामय विश्व !* 

 *भगवानमय प्राण !* 

 *भगवानमय विश्व !* 


हरी ओम्


 *विनोदकुमार महाजन*

Comments

Popular posts from this blog

ऊँ कालभैरवाय नम :

मोदिजी को पत्र ( ४० )

ईश्वर