अखंड भारत
*धर्मस्थापना और उन्मत्त* *कली के दूत*
✍️ २६७५
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धर्म की पुनर्स्थापना तब होती है जब
चारों ओर अधर्म का भयावह और विनाशकारी अंधेरा छा जाता है !
जैसे ? आज की भयावहता ? और उन्माद ??
मगर धर्मस्थापना कोई साधारण बात नहीं है !
जब भगवान श्रराम ने अथवा भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म की पुनर्स्थापना की तब
सबसे पहले साक्षात ईश्वर को भी अतीभयंकर दुख झेलने पडे थे !
इसिलिए धर्मस्थापना कोई साधारण घटना नही है !
धर्म मतलब ?
सत्य की जीत !
सत्य सनातन धर्म की जीत !
वैदिक सनातन हिंदू धर्म की जीत !
मानवता की जीत !
ईश्वरी सिध्दांतों की जीत !
कुदरत का कानून !
क्यों ?
क्योंकी सत्य सनातन धर्म ही अंतिम सत्य है !
और सत्य सनातन धर्म ही ईश्वर निर्मित है और आदर्श ईश्वरी सिध्दांतों पर चलकर
संपूर्ण सजीव सृष्टि का कल्याण करने की संपूर्ण क्षमता भी रखता है !
।। अहिंसा परमो धर्म :
धर्म हिंसा तथैवच ।।
यह सिध्दांत ही संपूर्ण मानवीसमुह का , संपूर्ण सजीवसृष्टी का अखंड कल्याण कर सकता है !
आज की धर्म की स्थिति क्या है ?
अतीभयावह स्थिति है !
अधर्म का भयंकर राज चौफेर दिखाई देता है !
जिसमें सत्य तडप रहा है !
सत्यवादी तडप रहे है !
आसुरीक सिध्दांत प्रबल होकर , ईश्वरी सिध्दांतों पर चौतरफा प्रहार कर रहे है !
लगभग संपूर्ण धरती का यही हाल है !?
भयंकर घोर कलियुग जिसे कहते है...उस भयंकर कलि का चौतरफा साम्राज्य फैला हुआ है !?
हर जगहों पर उन्मत्त कलि के दूत राज्य कर रहे है !
इंन्सानी दिमाग उन्मत्त कलि अपने कब्जे में लेकर , चारों ओर सैतानी साम्राज्य फैलाकर भयंकर तबाही फैला रहा है !
जो भी सत्य के रास्ते पर चलता है , सत्य सनातन के आदर्श सिध्दांतों पर चलता है ? उसे उन्मत्त कलि के दूत हर तरफ से नामोहरम करने की लगातार कोशिश कर रहे है !
इसीलिए सत्य भी परेशान है ! और सत्य सनातनी भी परेशान है !
ऐसी भयावह स्थिति में धर्म की पुनर्स्थापना कैसे होगी ?
संपूर्ण धरती पर सत्य सनातन का भगवा कैसे लहरायेगा ?
हरेक के दिमाग में लगभग
" यह कार्य असंभव है "
ऐसे ही विचार आयेंगे !
क्योंकि चारों ओर फैला हुआ कलि का उन्मत्त साम्राज्य !
धर्म स्थापना मतलब ?
तूफान में दिया जलाना ?
जो भी सत्य की जीत और धर्म की जीत के रास्ते पर चलेगा...
वह अंदर ही अंदर
निरंतर तडपता ही रहेगा !?
जलबिन मछली की तरह !
क्यों ?
क्योंकि सत्य की हार ?
हो रही है ?
जैसे
पाकिस्तान,
अफगानिस्तान,
बर्मा,
बांग्लादेश जैसे अनेक
ईश्वरी भू प्रदेशों पर हो गई ?
जो भी सत्य सनातन के आदर्श रास्तों पर चलेगा ?
उसे उन्मादी कलि क्या ऐसे ही छोडेगा ?
हर जगहों पर उसके दूत साम्राज्य कर रहे है !
इसिलए सत्य वादियों को अनेक मुसिबतों का सामना हर पल करना ही पडेगा !
अनेक मुसीबतों के पहाड़ सामने आयेंगे !
आर्थिक परेशानियों का निरंतर सामना करना पडेगा !
अनेक बीमारियों का भी शायद सामना करना पडेगा !
अपने ही विरोध में जायेंगे !
सत्य को निरंतर बदनाम किया जायेगा !
निरंतर अपमानित किया जायेगा !
सत्य के विरूद्ध बारबार अनेक षड्यंत्र रचे जायेंगे !
सत्य वादियों को , सत्य सनातन प्रेमियों को झूठे जाल में फँसाकर
कारागृह में भी शायद भेजा जायेगा !
हर कदम फूंक फूंक कर चलने पर भी अनेक मुसिबतें निरंतर तडपाती रहेगी !
जीवन की लडाई अकेले लडनी पडेगी ??
याद करो....
सावरकर जी का प्रयोपवेशन ?
याद करो सुभाष बाबू का विमान अपघात ?
याद करो शामाप्रसाद मुखर्जी की संशयास्पद मृत्यु ?
याद किजिए पृथ्वीराज चौहान को !
याद कीजिए शेर शिवाजी के अकाल मृत्यु को !
याद किजिए बाजीराव पेशवा की अकाल मृत्यु को !
याद किजिए शंभुराजे की यातनाओं की मृत्यु को !
याद किजिए महाराणा प्रताप को !
याद किजिए गुरु गोविंद सिंह जी को !
याद किजिए तेग बहादुर सिंह को !
याद कीजिए अनेक क्रांतिकारियों को !
सत्य की जीत हुई ?
सत्य सनातन की अखंड जीत करने का निरंतर कार्य
करनेवालों पर निरंतर मुसीबतों के पहाड़ टूट पडे ?
क्यों ?
क्यों ? क्यों ?? क्यों ???
यह लेख आप सभी को केवल अंतर्मुख ही नहीं करेगा बल्कि आपको झकझोर भी करेगा ?
( अगर आपकी आत्मशक्ति जागृत है तो ! )
आखिर सत्य क्यों तडपता है ?
सत्य की अंतिम जीत कब और कैसे होगी ?
भयंकर हाहाकार में भी ईश्वर निद्रीस्त क्यों है ?
गौमाताओं के खून की निरंतर नदीयां बह रही है ?
तो भी परम दयालु कृष्ण कन्हैया निद्रीस्त क्यों है ?
कहाँ है ईश्वरी शक्तियाँ ?
कहाँ है धधगता ईश्वरी तेज ?
वह भगवत् गीता का वचन कहाँ है प्रभु ?
सत्य तडप रहा है !
सत्य सनसनी चारों ओर परेशान है !?
फिर भी सत्य का रखवाला कहाँ है ?
भक्त वत्सल प्रभु कहाँ है ?
सत्य सनातन का रचियता परमात्मा कहाँ है ?
सत्य की और सत्य सनातन की अंतिम जीत कौन और कैसे करेगा भगवान ?
भयावह कलि के उन्मादी साम्राज्य से , चंगूल से ,सत्य को कौन छुडायेगा ?
हिंदुराष्ट्र निर्माण में
अखंड भारत निर्माण में
अनेक बाधाएं , रूकावटें है !
सदियों से अनेक पुण्यात्माएं इसके लिए तडप रही है !
उन्हें यह सुदिन देखना है !
अनेक पुण्यात्माएं इसपर नजर लगाए बैठे है !
हिंदुराष्ट्र कब बनेगा ? कौन बनायेगा ?
अखंड भारत , हिंदुमय विश्व , सत्य सनातन का चौफेर यशस्वी राज्य कब दिखाई देगा ?
कौन बनेगा विजेता ?
या फिर विष्णु अवतारी कल्कि का ही निरंतर इंतजार करना होगा ?
जो सत्य की और सत्य सनातन की अंतिम जीत कर सकें ?
जो उन्मादी , भयावह , हाहाकारी हैवानियत को सदा के लिए हरा सके ?
जो संपूर्ण विश्व में
धर्म का स्वच्छता अभियान चलाकर
सभी गंदगी को हटाकर नया युग आरंभ कर सकेगा ?
क्या यह एक दियास्वप्न ही रहेगा ? क्या यह एक कवि कल्पना ही रहेगी ?
क्या यह मनोरंजक कथा बनकर ही रहेगी ?
शायद कोई उत्तर नहीं देगा !
उत्तर देने की स्थिति में भी नहीं होगा !
क्योंकि अधर्म का गर्द अंधेरा छाया हुआ है !
कलि का साम्राज्य भयावह है ! पगपगपर उसके अदृश्य दूत राज कर रहे है !
तो कैसे होगी सत्य की जीत ? कैसे होगी सत्य सनातन कि अंतिम जीत ?
इसके बारे में सोचने में , पढऩे में भी लगभग निन्यानबे प्रतिशत लोगों के पास समय ही नहीं है !
लगभग हरेक का दिमाग कलि के कब्जे में है !
तो ???
ईश्वर अगली रणनीति बनायेगा !?
जरूर बनायेगा !??
शायद युगपरिवर्तन इस घडी
में अनेक वैश्विक उत्पातों के बाद ही नया रास्ता दिखाई देगा ?
अधर्म के चौतरफा अंधकारमय विश्व में आशा का एक नया किरण भी उग जायेगा ? जो सत्य की और सत्य सनातन का प्रकाश चारों ओर तेजीसे फैलायेगा ??
इंतजार !?? रहेगा ?
।। विश्व स्वधर्म सुर्ये पाहो ।।
।। जो जे वांछील तो ते
लाहो ।।
।। रामकृष्णहरी ।।
।। जय रामकृष्णहरी ।।
!!! भगवा राज !!!
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*विनोदकुमार महाजन*
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