स्वामी

 मुझे ना बनना है स्वामी

ना गुरू , ना मुझे शिष्य

बनाने है , ना मठ !

मुझे तो सिधासादा , भोलाभाला ही रहना है !

क्योंकी संपूर्ण विश्व ही मुझे

गुरूसमान है !


विनोदकुमार महाजन

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