क्या चाहिए ?

 *आपको क्या चाहिए ?* 


जब सभी प्रकार की भयंकर और दाहक अनेक सालों की

भयंकर खडतर और जालिम 

( राजा हरीश्चंद्र और राजा विक्रमादित्य जैसी ) अनेक अग्नी परीक्षाएं तथा सत्वपरीक्षाएं हम उत्तीर्ण होते है तब ? ईश्वर को हमें जो चाहिए वह सबकुछ देना ही पडता है !

जी हाँ !


कुछ बडा करने के लिए

ऐसा ही कुछ बडा और भयंकर जालिम जहर भी अनेक सालों तक हजम करना ही पडता है !

तब जाकर अनेक सिध्दीयाँ प्राप्त होती है और असंभव कार्य भी संभव होने लगते है !


ऐसी अनेक जालिम परीक्षाएं उत्तीर्ण होनेपर

आप ईश्वर से क्या मांगोगे ?

हिंदुराष्ट्र निर्माण ? 

अखंड भारत ??

या हिंदुमय विश्व ???


या फिर करोडों की संपत्ति ?

राजऐश्वर्य ? और सभी प्रकार के स्वर्गीय सुख ?


या फिर दोनों ?


आप क्या मांगोगे ?


जो मांगोगे वहीं पाओगे !

मगर तुम्हारी भी इसके लिए योग्यता भी चाहिए !

गुरु भी परीक्षा लिये बगैर दिक्षा नहीं देते है और कृपा भी नहीं करते है !


जय हरी विठ्ठल


 *विनोदकुमार महाजन*

Comments

Popular posts from this blog

ऊँ कालभैरवाय नम :

संपूर्ण लेखांक भाग २५

ईश्वर