सुखी जीवन
*सुखी जीवन का रहस्य*
✍️ २७१६
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सद्गुरू के पवित्र चरण कमलों पर अपना सब कुछ समर्पण कर दो !
ईश्वर से निरंतर निरपेक्ष प्रेम करो !
सभी पशुपक्षी,पेड पौधों से , ईश्वर के कुदरत से निरंतर प्रेम करो !
सभी पर स्वच्छ प्रेम करो !
सभी के कल्याण के लिये ईश्वर से निरंतर प्रार्थना करो !
गौमाता , तुलसीमाता , गंगामाता , गायत्रीमाता , लक्ष्मीमाता, गीतामाता, भारतमाता पर निरंतर सच्चा प्रेम करो !
सभी के सुखदुःख में भागीदार बनो !
दुख में किसी को पिडा तकलीफ मत दो !
दुख में सभी को अगर आर्थिक आधार नहीं दे सकते हो तो कम से कम उसे मानसिक आधार तो जरूर दो !
आधार के चार शब्द भी मुसिबतों में बहुत महत्वपूर्ण होते है !
और अगर इतना करनेपर भी ?
किसी के द्वारा रोना पडे तो ? जानबूझकर अपमानित , प्रताडित होना पडे तो ?
वह स्थान ?
सदा के लिये छोड दो !
कभी भी वापिस न जाने के लिये !
यही सुखी जीवन का , आनंदी जीवन का रहस्य है !
हॅंसते रहो , जीवनभर के लिये खुशहाल , स्वस्थ , मस्त रहो !
*जय श्रीकृष्ण !!*
🩷🩷🩷🩷🩷
*विनोदकुमार महाजन*
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