पत्थरदिल

 पत्थर से प्रेम करने से , पत्थर से भी ईश्वर प्रकट हो सकता है ! मगर पत्थरदिल लोगों से प्रेम करने पर ? सिर्फ रोना ही पडता है !!

जय हरी विठ्ठल !!!


विनोदकुमार महाजन

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