सफलता का महामंत्र !

 सफलता का महामंत्र !!

👍✍️ २३२७


विनोदकुमार महाजन


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ईश्वर , यूंही यशप्राप्ती तक

और ईश्वर प्राप्ती तक पहुंचने ही

नही देता है !


अनेक प्रकार की मुसिबतें ,विघ्न

और बाधाएं भेजता रहता है !


सभी विघ्न पार करने के बाद ही

यशप्राप्ती अथवा ईश्वर प्राप्ती

होती है !


और बेचारा साधक ,

बीच में थक - हार कर

प्रयास छोड देता है !


और जीवनभर के लिए ,

सिध्दपुरूष बनने के बजाए ,

थकाहारा साधारण आदमी

बनकर ही जीवन जीता है !


हिंदुराष्ट्र निर्माण

अखंड भारत और

हिंदुमय विश्व के लिए भी

हमारी यही स्थिती बन रही है !


और इसिलिए हम सभी साधकों

को इस महान वैश्विक ईश्वरी कार्य के लिए निरंतर डटे रहना जरूरी है !


जीत की जबरदस्त शक्तिशाली रणनीती बनाकर आगे बढना है !


और कार्य सफल ही बनाना है !

बिना थके हारे निरंतर ,

नितदिन , नई उर्जा से आगे 

आगे ही बढते रहना है !


जब हौसले बुलंद होते है

तब ईश्वर भी हमें प्रसन्न होकर

शुभाशीर्वाद देता है !

और सकल मनोरथ पूर्ण करता ही है !


इसिलिए थकहार कर रास्ता

बीच में छोडना ही नही है !


बल्की खींचकर यशप्राप्ती करनी ही है !!


हर हर महादेव !

जय श्रीराम !

हरी ओम् !


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