मेरा जाप

 माता गायत्री का आशिर्वाद।


मेरे दादाजी ने उनके देहांत के बाद मुझे सपनों में आकर गायत्री मंत्र दिया है।जिसका आजतक मैंने चौबिस पुर:चरण मतलब छ: कोटी जाप पूर्ण किया है।और अनुभूती यह मिल रही है की,

विश्व कार्य के रास्ते धिरे धिरे खुलते जा रहे है।


इसके साथ ही मैंने दुसरे मंत्रों का भी आजतक बारह कोटी जाप पूरा किया है।


कूल अठरा कोटी जाप पूरा किया है।


विनोदकुमार महाजन

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