सब भगवान की माया
सब भगवान की माया
सौतेली माँ ना होती तो
ध्रुव बाळ को कोई
पहचानता नही
हिरण्यकश्यपू ना होता तो
भक्त प्रल्हाद को कोई
जानता नही
रावण ना होता तो
राम को कौन कैसे पहचानता ?
कँस ना होता तो
भगवान परमात्मा श्रीकृष्ण भी
कैसे आते ?
दुर्योधन ना होता तो
अर्जुन को कौन पहचानता ?
सब भगवान की माया
सब भगवान का खेल
हम सभी तो
पंचमहाभूतों की निमित्त मात्र
कठपुतलियाँ
हरी ओम्
विनोदकुमार महाजन
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